Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
‘कथा à¤à¤• कंस की’ नाटक में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—धरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾
‘कथा à¤à¤• कंस की’ नाटक में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—धरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾
Author(s)
डॉ॰ ममता
Abstract
नाटककार दयापà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सिनà¥à¤¹à¤¾ ने ‘कथा à¤à¤• कंस की’ नाटक में कंस के मूल चरितà¥à¤° से छेड़छाड़ किठबिना इसे समकालीन राजनीतिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से जोड़ने का सारà¥à¤¥à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। नाटक में कंस के चरितà¥à¤° के दो पहलू उà¤à¤°à¤•à¤° आते हैं। à¤à¤• ओर कंस à¤à¤• कà¥à¤°à¥‚र, आततायी निरंकà¥à¤¶ शासक के रूप में दिखता है, वहीं दूसरी तरफ वह à¤à¤• संगीत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, à¤à¤¾à¤µà¥à¤•, अकेलेपन का शिकार, उदास और निराशा में डूबे हà¥à¤ संवेदनशील वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रूप में दिखाई देता है। उसके चरितà¥à¤° का यह अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§ इस नाटक की कथावसà¥à¤¤à¥ को गति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। नाटककार पौराणिक आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से समकालीन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ विडंबनाओं को उजागर करने में सफल रहा है। दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में कहे तो कह सकते हैं कि कंस के पौराणिक पातà¥à¤° को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• संदरà¥à¤à¥‹à¤‚ में पà¥à¤¨à¤ƒà¤¸à¥ƒà¤œà¤¿à¤¤ करने में दया पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सिनà¥à¤¹à¤¾ सफल रहे है।
How to cite this article:
डॉ॰ ममता. ‘कथा à¤à¤• कंस की’ नाटक में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—धरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾. Int J Appl Res 2017;3(1):1039-1042.