Vol. 3, Issue 10, Part C (2017)
सैंधव एवं वैदिक संस्कृति की धार्मिक व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन
सैंधव एवं वैदिक संस्कृति की धार्मिक व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s)
डाॅ0 दीपा गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह
Abstract
सिंधु सभ्यता कालीन समाज एक धार्मिक समाज था। लोग धर्म में विश्वास करते थे और पूजा-पाठ करते थे। इस विषय में भी लिखित साक्ष्यों का अभाव ही रहा है। केवल पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर ही विद्वानों ने सैंधव धर्म के स्वरूप के संबंध में कुछ अनुमान लगाये हैं। सैंधव सभ्यता से विभिन्न पुरास्थलों से प्राप्त होने वाली मिट्टी की मूर्तियों, पत्थर की छोटी मूर्तियों, पत्थर निर्मित लिंग एवं योनियों, मुहरों तथा मृदभाण्डों पर चित्रित आकृतियेां और कुछ विशिष्ट प्रकार के भवनों एवं भग्नावशेषों के अध्ययन के आधार पर सैंधव धर्म के विषय में अनुमान लगाया गया है। वैदिक युगीन आर्य, इन्द्र, मरुत, मित्र, वरुण, अग्नि, यम आदि बहुत से देवताओं की पूजा किया करते थे, जिन्हें संतुष्ट करने के लिए वे अनेक विधि विधानों का अनुसरण किया करते थे। प्रस्तुत पत्र में सिंधु सभ्यता कालीन पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर सैंधव धर्म तथा वैदिक साहित्य के आधार पर वैदिक धर्म के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जा रहा है।
How to cite this article:
डाॅ0 दीपा गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह. सैंधव एवं वैदिक संस्कृति की धार्मिक व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2017;3(10):205-208.