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Vol. 3, Issue 11, Part B (2017)

‘पद्मावती समय’ में इतिहास और कल्पना

‘पद्मावती समय’ में इतिहास और कल्पना

Author(s)
डॉ. उत्तम पटेल
Abstract
चंद बरदाई रचित ‘पृथ्वीराज रासो’ हिंदी का प्रथम महाकाव्य है। जिसमें कवि चंद ने दिल्ली नरेश सम्राट पृथ्वीराज चौहाण के चरित् को निरूपित किया है। किन्तु अपनी ऐतिहासिकता को लेकर यह ग्रंथ बहुत ही विवादास्पद रहा है। विद्वानों ने इसे प्रामाणिक, अप्रामाणिक एवम् अर्ध प्रामाणिकता की कोटि में रख दिया है। क्योंकि कि रासो में वर्णित घटनाएँ इतिहास से मेल नहीं खातीं। वास्तव में तो ‘पृथ्वीराज रासो’ एक महाकाव्य है। जिसमें कवि को कल्पना की उँची उड़ाने भरने का पूरा अधिकार होता है। कवि चंद ने भी इसमें काल्पनिक घटनाओं का प्रचूरमात्रा में वर्णन किया है। अतः इस काव्य की सभी घटनाएँ इतिहास प्रमाणित नहीं हो सकती। अतः इसमें इतिहास खोजना ही व्यर्थ है। कहने का मतलब यह है कि ‘पृथ्वीराज रासो’ के ‘पद्मावती समय’ में कवि चंद ने इतिहास और कल्पना का बहुत ही सुंदर समन्वय किया है।
Pages: 108-110  |  2826 Views  158 Downloads
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How to cite this article:
डॉ. उत्तम पटेल. ‘पद्मावती समय’ में इतिहास और कल्पना. Int J Appl Res 2017;3(11):108-110.
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