Vol. 3, Issue 2, Part G (2017)
दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन में विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª
दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन में विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª
Author(s)
विà¤à¤¾ बाला
Abstract
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल में हिनà¥à¤¦à¥‚ विवाह के परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त सà¥à¤µà¤°à¥‚प के परिवरà¥à¤¤à¤¨ में सामाजिक विधानों की अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका हैं। हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज में विवाह को à¤à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¤¾à¤° माना गया हैं जिसमें इस संबंध को जनà¥à¤® जनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤° का संबंध माना गया हैं किनà¥à¤¤à¥ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कानून ने विवाह विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर हिनà¥à¤¦à¥‚ विवाह के इस संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤—त सà¥à¤µà¤°à¥‚प को à¤à¤Ÿà¤•à¤¾ अवशà¥à¤¯ दिया हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ का कोई पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ न था यदि किसी कारणवश विवाह विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ हो à¤à¥€ जाता तो समाज में उसे अचà¥à¤›à¥€ दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से नहीं देखा जाता लेकिन आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में सामाजिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प, शिकà¥à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° से नारी की जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ ने इसे ‘समय की माà¤à¤—’ कहकर उचित बताया हैं। विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ सापेकà¥à¤· हैं।
How to cite this article:
विà¤à¤¾ बाला. दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन में विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª. Int J Appl Res 2017;3(2):462-463.