Vol. 3, Issue 3, Part M (2017)
अनूप अषेष का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कावà¥à¤¯-माणà¥à¤¡à¤µà¥€ कथा
अनूप अषेष का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कावà¥à¤¯-माणà¥à¤¡à¤µà¥€ कथा
Author(s)
डाॅ0 बीरेनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी
Abstract
माणà¥à¤¡à¤µà¥€ कथा हिनà¥à¤¦à¥€ कविता की नवगीत विधा का पहला पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध-कावà¥à¤¯ है। किसी à¤à¥€ कृति का, किसी à¤à¥€ विधा में पहली पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ का महतà¥à¤µ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• होता है। अनूप अषेष ने कविता में कई नठअछूते पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किये हैं। बघेली बोली के पà¥à¤°à¤¥à¤® कवि के रूप में बघेली के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥ होने का गौरव पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ की बोलियों में नवगीत नहीं लिखे गये थे। अनूप अषेष ने बघेली बोली में इस विधा की शà¥à¤°à¥‚आत की। इसी कà¥à¤°à¤® में खणà¥à¤¡à¤•à¤¾à¤µà¥à¤¯ या पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कावà¥à¤¯ में नवगीत शैली का पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— अनूप अषेष ने ‘माणà¥à¤¡à¤µà¥€-कथा’ में किया। माणà¥à¤¡à¤µà¥€ जो तà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾à¤¯à¥à¤— में à¤à¤—वान राम के अनà¥à¤œ महातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤°à¤¤ की अधà¥à¤¯à¤¾à¤‚गिनी होकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि में à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अनोखा उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है जो यà¥à¤—ो-यà¥à¤—ों तक इस महान तà¥à¤¯à¤¾à¤—िनी के तप को हृदय के अधपके घाव की तरह बेदनापूरà¥à¤£ तरह से सà¤à¥€ पृथà¥à¤µà¥€ वासी महसूस करते रहेंगे। पूरà¥à¤µ के महान कवियों ने à¤à¤—वान राम की पतà¥à¤¨à¥€ सीता à¤à¤µà¤‚ लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ की पतà¥à¤¨à¥€ उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ का पवितà¥à¤° रचितà¥à¤° का बखान तो बहà¥à¤¤ किये हैं। लेकिन महातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤°à¤¤ की à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾ माणà¥à¤¡à¤µà¥€ के घावों को देखने à¤à¤µà¤‚ समà¤à¤¨à¥‡ की हिमà¥à¤®à¤¤ शायद किसी à¤à¥€ कवि में नहीं थी, जिसके कारण यह महानॠतपसà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ की गौरव गाथा को साहितà¥à¤¯ जगत में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं मिल पाया था। इसी छोठसे दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¤ होकर नवगीत कवि अनूप अषेष ने रामायण की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पातà¥à¤° जो परà¥à¤¦à¥‡ के अंदर थी उसको साहितà¥à¤¯ जगत में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देने का सराहनीय पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है - जो पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कावà¥à¤¯ में माणà¥à¤¡à¤µà¥€ कथा के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤µ है।
How to cite this article:
डाॅ0 बीरेनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी. अनूप अषेष का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कावà¥à¤¯-माणà¥à¤¡à¤µà¥€ कथा. Int J Appl Res 2017;3(3):845-846.