Vol. 3, Issue 4, Part C (2017)
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का तकनीकी पकà¥à¤·
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का तकनीकी पकà¥à¤·
Author(s)
डॉ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾
Abstract
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की तकनीकी विषिषà¥à¤ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ यहाठके चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से अपनाते आ रहे हैं। यह सरà¥à¤µ विदित है कि लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° शैली के चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° चितà¥à¤°à¤£ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ साधन à¤à¤µà¤‚ सामगà¥à¤°à¥€ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कर रहे हैं। उसमें विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रंग, तà¥à¤²à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं, कागज, चितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही चली आ रही हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• चितà¥à¤°à¤£ में कागज के पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ से ताड़पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर चितà¥à¤°à¤£ करने की पà¥à¤°à¤¥à¤¾ थी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कागज का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— 13 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ के बाद देखा जाता हैं। परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में फलक संयोजन को दो à¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ किया जाता हैं। उदयपà¥à¤° के घनषà¥à¤¯à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾, नाथदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ के रेवा शंकर, à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¥œà¤¾ में बदà¥à¤°à¥€ लाल और जयपà¥à¤° के कृपाल सिंह शेखावत, वेद पाल बनà¥à¤¨à¥ शरà¥à¤®à¤¾ की चितà¥à¤°à¤·à¤¾à¤²à¤¾à¤“ं में ये बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ साधन सामगà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की तैयारी à¤à¤µà¤‚ चितà¥à¤°à¤£ आज à¤à¥€ विषेष महतà¥à¤µ रखती हैं।
How to cite this article:
डॉ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾. राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का तकनीकी पकà¥à¤·. Int J Appl Res 2017;3(4):194-195.