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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 6, Part Q (2017)

वर्तमान संदर्भमे ‘पनिपत’

वर्तमान संदर्भमे ‘पनिपत’

Author(s)
गीता कुमारी
Abstract
अत्याधुनिक मैथिली साहित्यक क्षेत्रमे जे किछु सशक्त लेखकक आगमन भेल ताहिमे जीवकान्त सेहो अबैत छथि। जीवकान्त सबसऽ हटि कऽ छलाह, अपना रंगक एकसर। हुनका फुसिकें फुसि आ साँचकें साँच कहबाक सामथ्र्य छलनि। ओ समतल पर बात करैत छलाह, ओ किछु नुकाबऽ नहि जनैत छलाह। जे मोनमे अबैत छलनि निधोख भऽ कऽ बजैत छलाह। ई निडरता प्रारम्भे सऽ जीवकान्तमे विद्यमान छलनि। साहित्यमे हिनक प्रवेश कविक रूपमे भेल। हुनका लिक्खाड़ लेखक कहल जाइत छल। कविते लिखऽ लगलाह तऽ बहुत रास लिखलाह। हिनक बारह गोट कविता संग्रह प्रकाशित छनि जाहिमे ‘‘तकैत अछि चिड़ै’’, पर हिनका 1998ई. मे साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त भेलनि। ‘‘निशान्त की चिड़िया’’ नामसँ एहि पोथीक हिन्दी अनुवाद सेहो भेल। तत्पश्चात कथा, उपन्यास, निबन्ध, समीक्षा आ अनुवाद से हो कयलाह। अर्थात् साहित्यक कोनो विधा हिनकासँ बाँचल नहि अछि।
Pages: 1208-1209  |  520 Views  60 Downloads
How to cite this article:
गीता कुमारी. वर्तमान संदर्भमे ‘पनिपत’. Int J Appl Res 2017;3(6):1208-1209.
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