Vol. 3, Issue 6, Part Q (2017)
बौदà¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ का उदà¥à¤à¤µ, विकास और साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विकास
बौदà¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ का उदà¥à¤à¤µ, विकास और साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विकास
Author(s)
मनोज चैधरी
Abstract
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोधपतà¥à¤° में बौदà¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ का उदà¥à¤à¤µ, विकास और साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विकास पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला गया है। बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· की पवितà¥à¤° धरा पर हà¥à¤† à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का उदय हà¥à¤†, जिनमें बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨ का अपना विशेष महतà¥à¤¤à¥à¤µ है, समसà¥à¤¤ जगत को अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से आलोकित करने वाले जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के महासागर à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ ने इस पवितà¥à¤° धरà¥à¤® का उपदेश दिया। तथागत बà¥à¤¦à¥à¤§ ने इसका उपदेश मगध में बोली जाने वाली जनसामानà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤¾ (पालि) में दिया। अनेक आडमà¥à¤¬à¤°à¥‹à¤‚, करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡à¥‹à¤‚ से पीड़ित जनता के लिठयह अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सरल, सहज तथा परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤•à¥‚ल थी। समà¥à¤¯à¤•à¥ समà¥à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§ चाहते तो अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में धरà¥à¤®à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶ कर सकते थे, परनà¥à¤¤à¥ वे जनता के लिठसरà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤¯ तथा पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिको जिसका लाठहो, à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ चाहते थे जिससे लोग वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ के आडमà¥à¤¬à¤°à¥‹à¤‚ से बचकर वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकें।
How to cite this article:
मनोज चैधरी. बौदà¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ का उदà¥à¤à¤µ, विकास और साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विकास. Int J Appl Res 2017;3(6):1216-1218.