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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 6, Part Q (2017)

बौद्ध दर्शन का उद्भव, विकास और साहित्यिक विकास

बौद्ध दर्शन का उद्भव, विकास और साहित्यिक विकास

Author(s)
मनोज चैधरी
Abstract
प्रस्तुत शोधपत्र में बौद्ध दर्शन का उद्भव, विकास और साहित्यिक विकास पर प्रकाश डाला गया है। बौद्ध धर्म का प्रादुर्भाव भारतवर्ष की पवित्र धरा पर हुआ भारत भूमि पर विभिन्न दार्शनिक सम्प्रदायों का उदय हुआ, जिनमें बौद्ध धर्म दर्शन का अपना विशेष महत्त्व है, समस्त जगत को अपने ज्ञान से आलोकित करने वाले ज्ञान के महासागर भगवान् बुद्ध ने इस पवित्र धर्म का उपदेश दिया। तथागत बुद्ध ने इसका उपदेश मगध में बोली जाने वाली जनसामान्य की भाषा (पालि) में दिया। अनेक आडम्बरों, कर्मकाण्डों से पीड़ित जनता के लिए यह अत्यन्त सरल, सहज तथा परिस्थितियों के अनुकूल थी। सम्यक् सम्बुद्ध चाहते तो अन्य भाषा में धर्मोपदेश कर सकते थे, परन्तु वे जनता के लिए सर्वग्राह्य तथा प्रत्येक नागरिको जिसका लाभ हो, ऐसे धर्म की स्थापना चाहते थे जिससे लोग व्यर्थ के आडम्बरों से बचकर वास्तविक ज्ञान को प्राप्त कर सकें।
Pages: 1216-1218  |  1020 Views  338 Downloads
How to cite this article:
मनोज चैधरी. बौद्ध दर्शन का उद्भव, विकास और साहित्यिक विकास. Int J Appl Res 2017;3(6):1216-1218.
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