Vol. 3, Issue 7, Part L (2017)
जैन धरà¥à¤® का उदà¥à¤à¤µ à¤à¤µà¤‚ विकासः पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं की लाकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• कलाà¤à¤
जैन धरà¥à¤® का उदà¥à¤à¤µ à¤à¤µà¤‚ विकासः पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं की लाकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• कलाà¤à¤
Author(s)
बदà¥à¤°à¥€ नारायण माधव
Abstractजैन धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ इतिहास को देखने पर पता चलता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· में जैन धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का उदà¥à¤à¤µ चौबीसवें तीरà¥à¤¥à¤‚कर महावीर (छठवीं षताबà¥à¤¦à¥€ ईसा पूरà¥à¤µ) के पूरà¥à¤µ ही हो चà¥à¤•à¤¾ था। पाली साहितà¥à¤¯ के कतिपय उलà¥à¤²à¥‡à¤–ों में à¤à¥€ महावीर के पूरà¥à¤µ के जैन इतिहास व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर कà¥à¤› पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤· पड़ता है। यह सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ तथà¥à¤¯ है कि मगध जैन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– केनà¥à¤¦à¥à¤° था। मगध के षिषà¥à¤¨à¤¾à¤—वंषी समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤• और उनकी सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤žà¥€ चेलना तथा वजà¥à¤œà¥€ गणतंतà¥à¤° के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– राजा चेटक जैन धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ थे। कोसल में महावीर ने अनेक बार à¤à¥à¤°à¤®à¤£ किया उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अयोधà¥à¤¯à¤¾, शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥€, और साकेत जैन धरà¥à¤® के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤° रहे हैं। कलचà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के षासनकाल में जैन धरà¥à¤® को दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¿à¤¨à¥‹ का सामना करना पड़ा तथापि षिलालेखों से जानकारी मिलती है कि षैवों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये गये उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ के होते हà¥à¤ à¤à¥€ जैन धरà¥à¤® किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अपने को जीवित रख सका। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤—ों की अपेकà¥à¤·à¤¾ पषà¥à¤šà¤¿à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤, दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾à¤ªà¤¥ और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में जैन धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• है। जैन मंदिरो के अवषेष तथा बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में तीरà¥à¤¥à¤‚कर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ हैं। जैन मंदिरों में तीरà¥à¤¥à¤‚कर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ापन वरिषà¥à¤ ता कà¥à¤°à¤® में होता है। à¤à¤• से अधिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं के सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨ होने पर मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ मूल नायक कहलाती है जो कि अनà¥à¤¯ तीरà¥à¤¥à¤‚कर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होती है। ऋषà¤à¤¨à¤¾à¤¥, सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤¶à¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ और महावीर पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मूल नायक माने जाते हैं।
How to cite this article:
बदà¥à¤°à¥€ नारायण माधव. जैन धरà¥à¤® का उदà¥à¤à¤µ à¤à¤µà¤‚ विकासः पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं की लाकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• कलाà¤à¤. Int J Appl Res 2017;3(7):826-829.