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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 7, Part R (2017)

शीर्ष पंचायती राज व्यवस्था-विकास में महिलाओं की भूमिका

शीर्ष पंचायती राज व्यवस्था-विकास में महिलाओं की भूमिका

Author(s)
अनामिका कुमारी
Abstract
भारतीय लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की व्यवस्था का मूल आधार पंचायती राज व्यवस्था ही है। सभ्य समाज की स्थापना के बाद मानव ने समूह में रहना सीखा और उसकी चेतना में धीरेधीरे बदलाव आता गया। इस बदलाव के साथ पंचायती राज के आदर्श एवं मूल उनकी चेतना में होते आये है। इसी व्यवस्था को विविध कालों में अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है। कभी वे गणराज्य कहलाए तो कभी नगर प्रशासन व्यवस्था में एक दूजे में एक साथ रहने, मिलजुल कर कार्य करने तथा अपनी वर्तमान समस्याओं को अपने आप में सुलझाने का विचार निरन्तर समयानुसार बदलता गया है। इस बदलाव की आधार आधी आबादी भी बनी है।
Pages: 1348-1350  |  496 Views  52 Downloads
How to cite this article:
अनामिका कुमारी. शीर्ष पंचायती राज व्यवस्था-विकास में महिलाओं की भूमिका. Int J Appl Res 2017;3(7):1348-1350.
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