Vol. 3, Issue 8, Part I (2017)
संगठनात्मक वातावरण का अध्यापकों के भूमिका दबाव के सन्दर्भ में अध्ययन
संगठनात्मक वातावरण का अध्यापकों के भूमिका दबाव के सन्दर्भ में अध्ययन
Author(s)
कृष्णा शर्मा
Abstract
संसार में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका निर्धारित होती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक हम उस भूमिका का निर्वहन करते है। उसी प्रकार विद्यालय में भी सभी अध्यापकगण अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करते है। जब अध्यापक अपनी भूमिका का निर्वहन करने में असमर्थ होने लगते है तब उन्हें दबाव महसूस होने लगता है। भूमिका दबाव भूमिका की प्रभावशीलता के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे उदासीनता बढ़ती है, शिक्षण कार्य में रूचि कम होने लगती है, कार्यकुशलता का ह्यास होने लगता है और सहयोग का वातावरण गड़बड़ा जाता है आदि। अध्यापकों के भूमिका दबाव के प्रमुख कारकों (असहयोग पूर्ण वातावरण, कार्यसंतुष्टि, दुश्चिंता) में विद्यालय संगठन का अनुकूल या प्रतिकूल वातावरण प्रभाव डालता है। यदि विद्यालय का वातावरण स्वस्थ अर्थात् अनुकूल है तो अध्यापक कम दबाव का अनुभव करते है। इसके विपरीत यदि विद्यालय का वातावरण प्रतिकूल है तो अध्यापक अधिक दबाव का अनुभव करते है।
How to cite this article:
कृष्णा शर्मा. संगठनात्मक वातावरण का अध्यापकों के भूमिका दबाव के सन्दर्भ में अध्ययन. Int J Appl Res 2017;3(8):589-594.