Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-विमरà¥à¤¶ की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और महादेवी वरà¥à¤®à¤¾ की कावà¥à¤¯-रचनाà¤à¤
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-विमरà¥à¤¶ की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और महादेवी वरà¥à¤®à¤¾ की कावà¥à¤¯-रचनाà¤à¤
Author(s)
मीना कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
महादेवी वरà¥à¤®à¤¾ अपने समय की पà¥à¤°à¤¥à¤® रचनाकार हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी रचनाओं में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-जीवन के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ किया। उनकी कावà¥à¤¯-रचनाओं के केनà¥à¤¦à¥à¤° में तो सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के अंतरà¥à¤®à¤¨ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है ही, अपनी गदà¥à¤¯ रचनाओं में à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-जीवन की विविध छवियों का अंकन किया है। ‘शंृखला की कड़ियाऒ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ निबंधों में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं पर गंà¤à¥€à¤° विमरà¥à¤¶ है। अपनी इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को जनà¥à¤® से अà¤à¤¿à¤¶à¤ªà¥à¤¤, जीवन में सनà¥à¤¤à¤ªà¥à¤¤, किनà¥à¤¤à¥ अकà¥à¤·à¤¯ वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯- वरदानमयी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी को’ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया है।
How to cite this article:
मीना कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-विमरà¥à¤¶ की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और महादेवी वरà¥à¤®à¤¾ की कावà¥à¤¯-रचनाà¤à¤. Int J Appl Res 2018;4(1):424-426.