Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)
‘सरà¥à¤µà¤‚सहा’ हिनà¥à¤¦à¥€ का à¤à¤• अनà¥à¤ªà¤® राम-कावà¥à¤¯
‘सरà¥à¤µà¤‚सहा’ हिनà¥à¤¦à¥€ का à¤à¤• अनà¥à¤ªà¤® राम-कावà¥à¤¯
Author(s)
डाॅ. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ निशà¥à¤›à¤²
Abstract
हिनà¥à¤¦à¥€-राम-कावà¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ की आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ कृति ‘सरà¥à¤µà¤‚सहा’ डाॅ॰ रमाकानà¥à¤¤ पाठक की à¤à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कावà¥à¤¯-पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है। इसमें राम-कथा के उन पà¥à¤°à¤¸à¤‚गों और सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤à¥‹à¤‚ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये गये हैं, जिनके उतà¥à¤¤à¤° ‘रामचरितमानस’ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ राम-कावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में नहीं मिलते हैं। सीता के बाल-चरित से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¸à¤‚गों के आपात रमणीय सà¥à¤¥à¤² à¤à¥€ इस कृति में दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤µà¥à¤¯ हैं। याजà¥à¤žà¤µà¤²à¥à¤•à¥à¤¯-आशà¥à¤°à¤® के पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सीता का पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, सीता के पà¥à¤¤à¥à¤°-दà¥à¤µà¤¯ लव और कà¥à¤¶ की बाल-सà¥à¤²à¤ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤à¤ और उनके उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤µà¤‚ सीता की अगà¥à¤¨à¤¿-परीकà¥à¤·à¤¾ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ नूतन उतà¥à¤¤à¤° इस कृति में कवि ने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये हैं। यह कृति हिनà¥à¤¦à¥€ का समà¥à¤à¤µà¤¤à¤ƒ पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤µà¤—तोकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¤°à¤• आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¥à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• राम-कावà¥à¤¯ है, जिसे अà¤à¤—रेजी में ‘मोनोलाॅग’ कहा जाता है, जिसमें सीता अपनी कथा सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कहती है और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ से कहती है।
How to cite this article:
डाॅ. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ निशà¥à¤›à¤². ‘सरà¥à¤µà¤‚सहा’ हिनà¥à¤¦à¥€ का à¤à¤• अनà¥à¤ªà¤® राम-कावà¥à¤¯. Int J Appl Res 2018;4(1):459-461.