Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)
राबिन शाॅ पुष्प की काव्य-यात्रा के विभिन्न आयाम
राबिन शाॅ पुष्प की काव्य-यात्रा के विभिन्न आयाम
Author(s)
नीतू कुमारी
Abstract
काव्यालोक वस्तुतः दिव्यालोक ही है जिससे श्रेय और प्रेय दोनों की साधना पूरी होती है। सुबह से रात तक विभिन्न क्रिया-कलापों के विभिन्न आयामों से गुजरना पड़ता है। हमारी प्रकृति और प्रवृत्ति का इसमें दिव्य और भव्य प्रतिफल सुरम्य होकर ठुकमता नजर आता है। राॅबिन शाॅ पुष्प ने अपनी काव्य-साधना में श्रेय और प्रेम दोनों ही पक्षों को स्थान दिया हैं उनकी ‘दो प्रेम कविताएँ’, ‘याद तुम्हारी’ ‘जन्म दिवस पर प्रेयसी के नाम.....’ ‘राष्ट्रभाषा’ आदि कविताएँ इसके प्रमाण हैं।
How to cite this article:
नीतू कुमारी. राबिन शाॅ पुष्प की काव्य-यात्रा के विभिन्न आयाम. Int J Appl Res 2018;4(1):491-492.