Abstractवतà¥à¤°à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में मानवाधिकार विषय बहà¥à¤šà¤°à¥à¤šà¤¿à¤¤ और लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हो गया है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समयों में जहाठदास, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤¦à¥à¤° वगैरह अधिकारों से वंचित थे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कोई राजनीतिक अधिकार यहाठतक कि मतदान से à¤à¥€ बिलà¥à¤•à¥à¤² अलग रखा गया था। वही आज दास, औरत-मरà¥à¤¦, वंश, लिंग, à¤à¤¾à¤·à¤¾, मजहब, जाति, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ या अनà¥à¤¯ किसी आधार पर किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ कोई à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ नहीं होता है। 1
सचमà¥à¤š इस à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का जनà¥à¤® पृथà¥à¤µà¥€ पर नैतिक रूप से मनà¥à¤·à¥à¤¯ के विकास के साथ ही हà¥à¤†à¥¤ सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® 1215 ई0 में बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ ने (मैगà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤¾) महान घोषणा पतà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया। सनॠ1676ई0 में बंदी पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥€à¤•à¤°à¤£ अधिनियम बनाया तथा 1689 में अधिकार-पतà¥à¤° का अधिनियम पारित किया। 2 लेकिन कानूनी तौर पर मानवीय अधिकारों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का जनà¥à¤® दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ महायà¥à¤¦à¥à¤§ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ हà¥à¤†, कà¥à¤¯à¥‹à¥‡à¤‚कि गरिमा के बिना न तो जीवन-यापन ही समà¥à¤à¤µ था और न मनà¥à¤·à¥à¤¯ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का ही विकास कर सकता था। इसके साथ ही दूसरों का शोषण करके अपना पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µ बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¥€ मानव की à¤à¤• सहज वृतà¥à¤¤à¤¿ रही है। 3 इसलिठअतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° और अनाचार के विरूदà¥à¤§ संघरà¥à¤· की कहानी à¤à¥€ संदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚-बरà¥à¤²à¤¿à¤¨ काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸, बूसेलà¥à¤¸ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨, हेग समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ (1899 तथा 1907ई0) में सामूहिक रूप से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¸à¤‚घ ने मानवाधिकारों पर बहà¥à¤¤ बल दिया। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ महायà¥à¤¦à¥à¤§ की à¤à¤¯à¤‚करता ने विशà¥à¤µ को यह सोचने के लिठविवश कर दिया कि मानवता के मूलà¤à¥‚त अधिकारों की रकà¥à¤·à¤¾ हेतॠदृढ विधि अवशà¥à¤¯ होनी चाहिà¤à¥¤ विशà¥à¤µ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नेता नहीं चाहते थे कि किसी à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ किया जाय या किसी à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के अधिकारों का हनन किया जाय। इस विचार धारा को अटलांटिक चारà¥à¤Ÿà¤° सनॠ1941 तथा संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¸à¤‚घ की सनॠ1942 की घोषणा से बल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ 4 मूलà¤à¥‚त मानवीय अधिकारों में मानव के गौरव तथा मूलà¥à¤¯ में सबों को समान अधिकार पà¥à¤¨à¤ƒ सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ किया गया। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मानवाधिकार अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विधि की विषय-वसà¥à¤¤à¥ हो गई।
18वीं और 19वीं सदी में ये अधिकार नागरिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤“ं के नाम से जाने जाते थे। किनà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¤¥à¤® विशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ (1914-18) के बाद यूरोप के कई देश तानाशाही की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हो गठजिसका उगà¥à¤°à¤°à¥‚प इटली में फाà¤à¤¸à¥€à¤µà¤¾à¤¦ और जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में नाजीवाद के रूप में देखा गया। 5 जिसमें देशों ने दमन और हिंसा का सहारा लिया। इन देशों में हजारों लाखों को बिना मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ अलाॠनजरबंदी शिविरों में रखा गया और यातनाà¤à¤ दी गई।
नाजियों ने यहूदियों पर बेहद अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किà¤à¥¤ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ महायà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान मानवाधिकारों को बेरहमी से पैरों तले रौदा गया। अतà¤à¤µ 1946 ई0 में संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° संघ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ à¤à¤²à¥€à¤¨à¤¾à¤° रूजवेलà¥à¤Ÿ की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में मानवाधिकार आयोग की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई। 6 10 दिसमà¥à¤¬à¤° 1948 ई0 को यूनाइटेड नेशनà¥à¤¸ की जनरल असेमà¥à¤¬à¤²à¥€ ने मानव अधिकारों की सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤® घोषणा को सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ और घोषित किया। इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कारà¥à¤¯ के बाद ही असेमà¥à¤¬à¤²à¥€ ने सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯ देशों से अपील की कि वे इस घोषणा का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करें और देशों अथवा पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की राजनैतिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर आधारित à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ का विचार किठबिना, विशेषतः सà¥à¤•à¥‚लों और अनà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£-संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं में इसके पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨, पठन और वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ का पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§ करें।
इसी घोषणा का सरकारी पाठसंयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ की पाà¤à¤š à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€, चीनी, फà¥à¤°à¤¾à¤à¤¸à¥€à¤¸à¥€, रूसी और सà¥à¤ªà¥‡à¤¨à¤¿à¤¶à¥¤ जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ है।