Abstractसरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ परिशà¥à¤°à¤® करके à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ हमें दूसरों की कमाई नहीं खानी चाहिà¤, अपना à¤à¤¾à¤° दूसरे पर नहीं डालना चाहिà¤à¥¤ विनोबा ने कहा कि सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और कà¥à¤¶à¤² पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨, सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का आधार विकेनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤•à¤°à¤£, सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ समसà¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ जनता को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होना, सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ अधिकारी वरà¥à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने आपको जनता का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ नहीं, वरनॠसेवक समà¤à¤¨à¤¾ है।
सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ का आदरà¥à¤¶ है, अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ और उसकी नीति है, समनà¥à¤µà¤¯à¥¤ सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ à¤à¤¸à¥‡ वरà¥à¤—विहीन, जातिविहीन और शोषण विहीन समाज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करना चाहता है, जिसमें पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ और समूह को अपने सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास के साधन और अवसर मिलेंगे। यह कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ अहिंसा और सतà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही संà¤à¤µ है। सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ इसी का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है।
आदरà¥à¤¶ सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿Ÿà¤µ करता है। इसका आधार सà¤à¥€ के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤® है। इसमें बिना किसी अपवाद के सà¤à¥€ के लिठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है, चाहे कोई यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ हो या साधारण कृषक, हिनà¥à¤¦à¥‚ हो या मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨, सवरà¥à¤£ हिनà¥à¤¦à¥‚ हो या हरिजन, गोरा या काला, संत हो या पापी। किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को दबाने, शोषित करने या à¤à¤‚ग करने का इसमें à¤à¤¾à¤µ ही नहीं है। सà¤à¥€ इस सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में समान रूप में à¤à¤¾à¤—ीदार होंगे, सà¤à¥€ अपने शà¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करेंगे, सबल निरà¥à¤¬à¤²à¥‹à¤‚ की रकà¥à¤·à¤¾ और उनके संरकà¥à¤·à¤• के रूप में कारà¥à¤¯ करेंगे और सà¤à¥€ सबके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का कारà¥à¤¯ करेंगे।