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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Peer Reviewed Journal

Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)

सर्वोदय के साधन: भूदान आन्दोलन

सर्वोदय के साधन: भूदान आन्दोलन

Author(s)
डाॅ. प्रतिमा कुमारी
Abstract
सर्वोदय का तात्पर्य स्वयं परिश्रम करके भोजन करना चाहिए। हमें दूसरों की कमाई नहीं खानी चाहिए, अपना भार दूसरे पर नहीं डालना चाहिए। विनोबा ने कहा कि सर्वोदय सार्वजनिक क्षेत्र में स्वच्छ और कुशल प्रशासन, सर्वोदय सामाजिक व्यवस्था का आधार विकेन्द्रीकरण, सर्वोदय समस्त शक्ति जनता को प्राप्त होना, सर्वोदय अधिकारी वर्ग द्वारा अपने आपको जनता का स्वामी नहीं, वरन् सेवक समझना है।
सर्वोदय का आदर्श है, अद्वैत और उसकी नीति है, समन्वय। सर्वोदय ऐसे वर्गविहीन, जातिविहीन और शोषण विहीन समाज की स्थापना करना चाहता है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और समूह को अपने सर्वांगीण विकास के साधन और अवसर मिलेंगे। यह क्रान्ति अहिंसा और सत्य द्वारा ही संभव है। सर्वोदय इसी का प्रतिपादन करता है।
आदर्श सामाजिक व्यवस्था का प्रतिनिधिŸव करता है। इसका आधार सभी के लिए प्रेम है। इसमें बिना किसी अपवाद के सभी के लिए स्थान है, चाहे कोई युवराज हो या साधारण कृषक, हिन्दू हो या मुसलमान, सवर्ण हिन्दू हो या हरिजन, गोरा या काला, संत हो या पापी। किसी व्यक्ति या समुदाय को दबाने, शोषित करने या भंग करने का इसमें भाव ही नहीं है। सभी इस सामाजिक व्यवस्था में समान रूप में भागीदार होंगे, सभी अपने श्रम का प्रयोग करेंगे, सबल निर्बलों की रक्षा और उनके संरक्षक के रूप में कार्य करेंगे और सभी सबके कल्याण का कार्य करेंगे।
Pages: 545-549  |  2244 Views  1428 Downloads


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How to cite this article:
डाॅ. प्रतिमा कुमारी. सर्वोदय के साधन: भूदान आन्दोलन. Int J Appl Res 2018;4(1):545-549.
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