Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)
महाकवि कालिदास और मेघदूत
महाकवि कालिदास और मेघदूत
Author(s)
पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract
महाकवि कालिदास वैदिक साहितà¥à¤¯ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤-‘‘तà¥à¤µà¤®à¤¸à¥à¤®à¤¾à¤•à¤‚ तवसà¥à¤®à¤¸à¤¿’’ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ हे पà¥à¤°à¤à¥‹ ! आप हमारे हैं और हम आपके हैं’’ से परिचित हैं, और अनिरà¥à¤µà¤šà¤¨à¥€à¤¯à¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤®-सà¥à¤µà¤°à¥‚पम॒ के पकà¥à¤·à¤§à¤°à¥¤ वे वैषà¥à¤£à¤µ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® के इन दो सà¥à¤µà¤°à¥‚पों में अपनी आसà¥à¤¥à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते दिखते हैं- निगà¥à¤°à¥à¤£, निराकार, निरà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ निखिल, à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯, माधà¥à¤°à¥à¤¯, आननà¥à¤¦, à¤à¤µà¤‚ सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ आदि अननà¥à¤¤ सदà¥à¤—à¥à¤£ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥¤ यह पà¥à¤°à¥‡à¤® जीवन का रमणीय रहसà¥à¤¯ है और कावà¥à¤¯-सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ का अलौकिक आधार à¤à¥€à¥¤ जितने à¤à¥€ महाकवि अथ च रचनाकार हà¥à¤ हैं उनकी कावà¥à¤¯à¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤µà¤‚ सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ की धà¥à¤µà¤¨à¥€ निहित है। कालिदास की कावà¥à¤¯, सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® की मूलवरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¥€ वृतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤·à¥à¤§à¤¾à¤“ं को जगाती हà¥à¤¯à¥€ उनके नियामक मयादाओं में बांध देती है। उनके कावà¥à¤¯ में पà¥à¤°à¥‡à¤® का सूकà¥à¤·à¥à¤® à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¥à¥‚ल सà¥à¤µà¤°à¥‚प पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤† है। कालिदास पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—ीत के गायक हैं। वे नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® रूप की मादक छवियों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से जैसे वे à¤à¤•à¤¦à¤® चमतà¥à¤•à¥ƒà¤¤ हो जाते हैं, वैसे ही पà¥à¤°à¤£à¤¯ रस को अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ मनà¥à¤¦, अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ मादक तथा अतिशय गंà¤à¥€à¤° सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¸à¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करके वे सहृदय à¤à¤¾à¤µà¥à¤•à¥‹à¤‚ को सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ आतà¥à¤® विà¤à¥‹à¤° कर देते हैं।
How to cite this article:
पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त कà¥à¤®à¤¾à¤°. महाकवि कालिदास और मेघदूत. Int J Appl Res 2018;4(1):568-571.