Vol. 4, Issue 10, Part A (2018)
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾
Author(s)
डॉ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾
Abstract
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के सचितà¥à¤° गà¥à¤°à¤‚थों का अंकन शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ धरातल पर आधारित रहा हैं। आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के सृजन में मà¥à¤–à¥à¤¯ आधार रहा हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में कला और धरà¥à¤® का सदियों से अनà¥à¤¯à¥‹à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤¿à¤¤ समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ रहा हैं। कला ने धरà¥à¤® को रूप पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया तो धरà¥à¤® ने कला को सावितà¥à¤µà¤•à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ कला को उदातà¥à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• अविषà¥à¤•à¤¾à¤° का विषय à¤à¥€ माना जा सकता हैं। वैदिक काल की दिवà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के उदातà¥à¤¤ अवसà¥à¤¥à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• थी। धारà¥à¤®à¤¿à¤• चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में निराकार साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हैं। कलाकार के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बà¥à¤°à¤¹à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का अरà¥à¤¥ ही बà¥à¤°à¤¹à¤® की शाषà¥à¤µà¤¤ आननà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की कला और धरà¥à¤® का सदियों से अनà¥à¤¯à¥‹à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤¿à¤¤ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ रहा हैं। यहाठके शासको का कोई à¤à¥€ धरà¥à¤® रहा हो किनà¥à¤¤à¥ उनकी सहिषà¥à¤£à¥à¤µà¤¾à¤¦à¥€ नीति के कारण जन-सामानà¥à¤¯ अपने विषà¥à¤µà¤¾à¤¸ के अनà¥à¤°à¥‚प किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ धरà¥à¤® को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने के लिये सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° था।
How to cite this article:
डॉ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾. राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ लघà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾. Int J Appl Res 2018;4(10):57-58.