Vol. 5, Issue 1, Part A (2019)
सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤µà¤‚ गैर सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के समायोजन का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤µà¤‚ गैर सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के समायोजन का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
डाॅ. रंजीता गोयल
Abstract
वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° के इस यà¥à¤— में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚/छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पारिवारिक, सामाजिक संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ता है, फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, समाज à¤à¤µà¤‚ परिवार में समायोजित होने के लिठउनमें मानसिक तनाव उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो जाती है। जिससे उनमें निराशा, अवसाद, सामाजिक अलगाव, विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में लगातार असफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है और कà¥à¤¸à¤®à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पैदा हो जाती है। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प वे हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में जैसे शैकà¥à¤·à¤¿à¤•, सामाजिक, संवेगातà¥à¤®à¤• रà¥à¤ª से पिछड़ने लगते हैं। इन विषम परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में समाधान के लिठसमायोजन सà¥à¤¤à¤° को चिनà¥à¤¹à¥à¤¤à¤¿ कर विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठउचित वातावरण का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जाना चाहिठतथा शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ माता-पिता/ अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उचित मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ दिया जाà¤à¥¤ जिससे की बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का समूचित विकास हो सके।
How to cite this article:
डाॅ. रंजीता गोयल. सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤µà¤‚ गैर सरकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के समायोजन का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2019;5(1):60-63.