Vol. 5, Issue 1, Part E (2019)
वैदिक-कालीन प्राच्य भारत की सांस्कृतिक और भाषिक स्थिति
वैदिक-कालीन प्राच्य भारत की सांस्कृतिक और भाषिक स्थिति
Author(s)
सौरभ
Abstract
प्राचीन भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा भाषिक इतिहास के अध्ययन से ज्ञात होता है कि प्राचीनकाल में प्राच्य के नाम से अभिहित भूभाग में आर्यभाषा तथा संस्कृत का प्रचार-प्रसार अनेक चरणों में सम्पन्न हुआ था। तत्कालीन उत्तर भारत के पूर्वी प्रदेशों के आर्यीकरण की प्रक्रिया अनेक सदियों तक चलती रही और विभिन्न क्षेत्रों की आबादी की धार्मिक सांस्कृतिक और सामाजिक स्थितियों के अनुरूप उस आर्यीकरण के स्वरूप में एक रूपता का अभाव रहा।
How to cite this article:
सौरभ. वैदिक-कालीन प्राच्य भारत की सांस्कृतिक और भाषिक स्थिति. Int J Appl Res 2019;5(1):382-383.