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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 5, Issue 1, Part E (2019)

‘‘वैदेहीचरितम्’’ (महाकाव्य) के मार्मिक स्थल

‘‘वैदेहीचरितम्’’ (महाकाव्य) के मार्मिक स्थल

Author(s)
डॉ. भारती निश्छल
Abstract
वैदेहीचरितम्’ विद्यावाचस्पतिरामचन्द्र मिश्र द्वारा रचित आधुनिककालीन संस्कृत-महाकाव्य है। इसमें जनकात्मजा सीता के चरित्र के उन-उन अंषों का प्रमुखता से उद्घाटन महाकवि का अभीष्ट रहा है, जिन अंषों पर आदिकवि वाल्मीकि एवं रामकथा के अन्य संस्कृत-प्रणेताओं ने अपेक्षाकृत कम अवधान दिया है। वैदेही को प्रकट करनेवाली मिथिलाभूमि की प्राकृतिक छटा एवं उसके अकूत वैभव का वर्णन, जनकपुर, अयोध्या और वन में रहती हुई सीता की जीवन-चर्या का वर्णन, विपत्तियों के आने पर सीता के मन में उत्पन्न विविध भावों का वर्णन, कोसलपति राम द्वारा गर्भवती सीता का त्याग कर उन्हें वन में भेज देने पर राम के प्रति सीता के मन में उत्पन्न भावों का वर्णन एवं सीता के भू-प्रवेश का वर्णन आदि रामकथा के ऐसे ही प्रमुख स्थल हैं। ‘वैदेहीचरितम्’ के मार्मिक स्थलों में सीता-स्वयंवर के समय कोमल कलेवरयुक्त राम के द्वारा धनुष चढ़ाने के अवसर पर जनक और जानकी के मन में उत्पन्न भावों का वर्णन, ब्राह्मण वेषधारी रावण के द्वारा अपहृत सीता के विलाप का वर्णन एवं इन सबसे अधिक राजा राम के द्वारा ससत्त्वा सीता का त्याग कर उन्हें वन में भेज दिये जाने एवं राजा राम के अश्वमेध के अश्व को कुष और लव के द्वारा पकड़ लिये जाने के उपरान्त पुत्रों को सान्त्वना और सत्कर्त्तव्यों का उपदेष देकर धरती में प्रवेष करती हुई सीता के मनोभावों का वर्णन प्रमुख हैं।
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How to cite this article:
डॉ. भारती निश्छल. ‘‘वैदेहीचरितम्’’ (महाकाव्य) के मार्मिक स्थल. Int J Appl Res 2019;5(1):496-498.
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