Vol. 5, Issue 1, Part F (2019)
निराला की कविताओं में छायावाद और पà¥à¤°à¤—तिवाद यà¥à¤—ीन पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤
निराला की कविताओं में छायावाद और पà¥à¤°à¤—तिवाद यà¥à¤—ीन पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤
Author(s)
Dr. Usha Kumari JB
Abstract
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कावà¥à¤¯ धारा में दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ यà¥à¤— के अंत में à¤à¤• नयी कावà¥à¤¯ धारा, सà¥à¤¥à¥‚ल के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सूकà¥à¤·à¥à¤® की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के रूप में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ होने लगी । à¤à¤¾à¤µ पकà¥à¤· में और शैली पकà¥à¤· में आयी यह नवीनता छायावादी कावà¥à¤¯ धारा की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विशेषता रही । छायावाद के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कवि 'महापà¥à¤°à¤¾à¤£' निराला के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विकास उनके आगे की कविताओं में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से दिखायमान रहा। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ रमणीयता और कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ लोक में विचरण करनेवाले कवि में धीरे-धीरे सामाजिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ संचरित होने लगी। फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प उनकी कविताओं में सामाजिकता का विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ पà¥à¤°à¤¬à¤² दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहा । अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मानवतावादी कवि निराला की पà¥à¤°à¤—तिवादी कविताओं में उनका मानवताबोध अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤«à¥à¤Ÿà¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤
How to cite this article:
Dr. Usha Kumari JB. निराला की कविताओं में छायावाद और पà¥à¤°à¤—तिवाद यà¥à¤—ीन पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤. Int J Appl Res 2019;5(1):629-631. DOI:
10.22271/allresearch.2019.v5.i1f.11514