Vol. 5, Issue 10, Part A (2019)
कुमायूँ के ग्रामों में उत्पादन व्यवस्था एवं आर्थिक परिवर्तन
कुमायूँ के ग्रामों में उत्पादन व्यवस्था एवं आर्थिक परिवर्तन
Author(s)
डाॅ. राकेश गुप्ता
Abstract
कुमायूँ अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण देश के अन्य मैदानी भागों से भिन्न है। नालीदार खेत ऊपर से नीचे की ओर बने होते हैं और बरसात में ऊपर के खेतों से बहकर खाद एवं उपजाऊ तत्व नीचे वाले खेतों में आ जाता है, परिणामस्वरूप ऊपर के खेतों मंे फसल कम होती है। सिचाई के लिये पूर्णरूप से वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। उद्योग ज्यादातर तराई के क्षेत्र में ही है। आवागमन के साधन बहुत अच्छे नहीं हैं। पहाड़ों के दरकने से कई बार सड़कों का आवागमन बाधित होता है। फलों को बाहर भेजने में कठिनाई होती है इसलिये फलों की अच्छी कीमत नहीं मिल पाती जिससे आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता। आवागमन के अच्छे साधन एवं कृषि की नयी एवं उन्नत तकनीकियों को विकसित करके कुमायँू के ग्रामीण क्षेत्रों को भी आर्थिक रूप से सम्पन्न किया जा सकता है।