Vol. 5, Issue 12, Part A (2019)
मधुमेह में दुग्ध और दुग्ध से बने उत्पाद कितना श्रेयस्कर
मधुमेह में दुग्ध और दुग्ध से बने उत्पाद कितना श्रेयस्कर
Author(s)
डॉ राखी कुमारी
Abstract
मधुमेह विशेष रूप से विकासशील देशों में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थय समस्या है| पूरे विश्व में चीन के बाद सबसे अधिक रोगी भारत में ही पाए जाते हैं| दूसरी ओर दुग्ध उत्पादन एवं निर्यात में भी भारत का ही पहला स्थान है| मधुमेह चयापचय सम्बन्धी बीमारियों का एक समुह है, जिसमें लम्बे समय तक रक्त शर्करा का स्तर ऊँचा होता है| जब शरीर में पेनक्रियाज नामक ग्रंथि इन्सुलिन बनाना बंद कर देती है| मधुमेह दो प्रकार का होता है; मधुमेह टाइप-1, इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन पैदा नहीं करता है; तथा मधुमेह टाइप-2,इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन पैदा करता है, लेकिन इसे अच्छी तरह उपयोग नही करता है| आहार व्यापक रूप से मधुमेह प्रकार 2 के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है| मधुमेह प्रकार 2 में सम्बंधित जटिलताओं को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति की ज़रुरत है| दूध उत्पाद उपापचयी सिंड्रोम के लिए लाभदायी है, कम वसा वाले दुग्ध पदार्थ मधुमेह प्रकार 2 के जोखिम को कम करने में मदद करता है तथा डेयरी उत्पादों में तृप्ति बढ़ाने के लिए और भोजन का सेवन और रक्तशर्करा प्रतिक्रिया को कम करने वाली कम ग्लाइसेमिक सूचकांक के साथ कई कार्यात्मक तत्त्व होते हैं|
How to cite this article:
डॉ राखी कुमारी. मधुमेह में दुग्ध और दुग्ध से बने उत्पाद कितना श्रेयस्कर. Int J Appl Res 2019;5(12):57-59.