Vol. 5, Issue 2, Part A (2019)
महिला सशक्तिकरणः विविध आयाम
महिला सशक्तिकरणः विविध आयाम
Author(s)
सुनीता वर्मा
Abstractमहिला सशक्तिकरण के अन्तर्गत महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर संवेदनशीलता और सरोकार व्यक्त किया जाता है सशक्तिकरण की प्रक्रिया में समाज को पारम्परिक पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमतर माना है वैश्विक स्तर पर नारीवादी आन्दोलनांे और ‘यूएनडीपी’ आदि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने महिलाओं के सामाजिक समता, स्वतंत्राता और न्याय के राजनीतिक अध्किारों को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है महिला सशक्तिकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारीरिक या मानसिक सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।
‘1990’ के दशक में महिला अध्किारिता यानी सशक्तिकरण पर जोर देने के साथ ही यह प्रयास भी किया गया कि महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होकर नीति निर्माण के स्तर पर भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी।
वस्तुतः महिला सशक्तिकरण का अर्थ ऐसी प्रक्रिया से है जिसमें महिलाओं की अपने आपको संगठित करने की क्षमता भी बढ़ती तथा सदृढ़ होती है।
इस अध्ययन के माध्यम से हम महिला सशक्तिकरण की अवधरणा।, आवश्यकता तथा महिला सशक्तिकरण से सम्बन्ध्ति विभिन्न आयाम व राष्ट्रीय व-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करेगें।
How to cite this article:
सुनीता वर्मा. महिला सशक्तिकरणः विविध आयाम. Int J Appl Res 2019;5(2):66-71.