Vol. 5, Issue 2, Part C (2019)
महाभारत में योग दिग्दर्शन
महाभारत में योग दिग्दर्शन
Author(s)
डॉ0 अशोक कुमार दुबे एवं डॉ0 सान्त्वना द्विवेदीे
Abstractयुज् धातु से घञ् प्रत्यय लगाकर योग शब्द निष्पन्न होता है। जिसका अर्थ है-जोड़ना, नियुक्त करना, प्रयोग करना, सुव्यवस्थित करना आदि। निःसन्देह रूप से सांसारिक-दुःखानल से समस्त माव जाति चिरभिलषित शान्ति रूपी अमृत रूप का पान कराने में योग साधना आज भी सहज रूप में समर्थ है। योग-साधना की प्रक्रिया में यम-नियमों का पालन करने से चित्त निर्माण होता है।
‘‘योगश्चित्वृत्ति निरोधः।’’
महाभारत के अनेक स्थलों पर चित्तवृत्ति निरोध रूपी योग का वर्णन प्राप्त होता है। चित्त नियंत्रण की इस साधना पद्धति को योग, योग-साधना, अष्टांगयोग आदि नामों से अभिहित किया गया है।
How to cite this article:
डॉ0 अशोक कुमार दुबे एवं डॉ0 सान्त्वना द्विवेदीे. महाभारत में योग दिग्दर्शन. Int J Appl Res 2019;5(2):288-290.