Vol. 5, Issue 3, Part D (2019)
बौदà¥à¤§-वाङà¥à¤®à¤¯ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£: à¤à¤• समीकà¥à¤·à¤¾
बौदà¥à¤§-वाङà¥à¤®à¤¯ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£: à¤à¤• समीकà¥à¤·à¤¾
Author(s)
डाॅ॰ राम बालक राय
Abstract
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में करà¥à¤® आधारित वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी जिसका वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जनà¥à¤® आधारित जाति वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से कोई समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ नहीं और à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ ने अपने वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• जीवन में वैदिक वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का ही पालन किया किसी अनà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का नहीं। बौदà¥à¤§ दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को करà¥à¤® के आधार पर सामाजिक समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देना उचित है। ये करà¥à¤® कैसे हों, इसकी विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ विवेचना धमà¥à¤®à¤ªà¤¦ में दी गयी है जिसके पार-अपार का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ किसी को न हो, जो सà¤à¥€ तरह के विदà¥à¤µà¥‡à¤· से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो, वही बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ है। जो चितà¥à¤¤ को सà¤à¥€ दोषों से मà¥à¤•à¥à¤¤ कर आसन पर आसीन हो धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤°à¤¤ रहे तथा निरनà¥à¤¤à¤° उतà¥à¤¤à¤® अरà¥à¤¥ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में संलगà¥à¤¨ रहे, वही बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ है।
How to cite this article:
डाॅ॰ राम बालक राय. बौदà¥à¤§-वाङà¥à¤®à¤¯ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£: à¤à¤• समीकà¥à¤·à¤¾. Int J Appl Res 2019;5(3):298-300.