Vol. 5, Issue 6, Part D (2019)
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना के जागृतà¥à¤¤à¤¿ में बिहार के रियासती घरानों की à¤à¥‚मिका
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना के जागृतà¥à¤¤à¤¿ में बिहार के रियासती घरानों की à¤à¥‚मिका
Author(s)
डाॅ. देवेनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° आजाद
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना के जागृति में बिहार के रियासती घरानों के साथ-साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लगà¤à¤— सà¤à¥€ रियासती घरानों का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है और यह योगदान चिनà¥à¤¤à¤¨, चेतना और संघरà¥à¤· तक ही सीमित नहीं है अपितॠबिनà¥à¤¦à¥-बिनà¥à¤¦à¥ पर शिलालेख की तरह अंकित है। देश के नरेशों में आपसी फूट, राजनीतिक अदूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ के à¤à¤¾à¤µ की कमी, जाति गत विदà¥à¤µà¥‡à¤· à¤à¤µà¤‚ तजà¥à¤œà¤¨à¤¿à¤¤ संकीरà¥à¤£à¤¤à¤¾, तथा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· को विदेशियों की परतनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ की कठिन बेड़ी के बंधन में चिरकाल तक जकड़ा रहना पड़ा था, पर इतिहास इसका साकà¥à¤·à¥à¤¯ देता है कि उस अवधि में à¤à¥€ वह उस दीन अवसà¥à¤¥à¤¾ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पाने के हेतॠसदैव छटपटाता रहा है और समय-समय पर उसके लिये परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤•à¥‚ल संयत à¤à¥€ हà¥à¤†à¥¤ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के à¤à¤¾à¤°à¤¤ में शासन के आरंठसे à¤à¤• शादी पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ देश में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ अति पà¥à¤°à¤¬à¤² हो उठी और उसकी लहर देशों दिशाओं में फैल गयी।
How to cite this article:
डाॅ. देवेनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° आजाद. राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना के जागृतà¥à¤¤à¤¿ में बिहार के रियासती घरानों की à¤à¥‚मिका. Int J Appl Res 2019;5(6):466-468.