Vol. 5, Issue 9, Part E (2019)
नरेश मेहता के कावà¥à¤¯ में राजनीतिक मूलà¥à¤¯
नरेश मेहता के कावà¥à¤¯ में राजनीतिक मूलà¥à¤¯
Author(s)
डा0 विदà¥à¤¯à¤¾ शशिशेखर शिंदे
Abstract
राजनीति का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ संपूरà¥à¤£ देश पर पडने के कारण उस देश की जनता का उससे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होना अनिवारà¥à¤¯ हैं. कलाकारों की कला, कवियों की कविता, लेखकों की कृतियाॅं जनता की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को परिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ कर जनता पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालती हैं कोई à¤à¥€ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° तà¤à¥€ सफल साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° कहला सकता हैं जब वह अपनी अनà¥à¤à¥‚ति को जो उसे साहितà¥à¤¯ का सृजन करते हà¥à¤ होती हैं जो पाठक तक पहà¥à¥…ंचा सके. साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ डाला गया सदà¥à¤à¤¾à¤µ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को समà¤à¤¨à¥‡ में तथा उसका समाधान करने में नूतन दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करता हैं. नरेश मेहता राजनीति से खà¥à¤¦ à¤à¥€ जà¥à¤¡à¥‡ हà¥à¤ थे इसलिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने राजनीतिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को नजदीक से देखा था. कवि ने कहा à¤à¥€ है-‘‘राजनीति जीवन का अंग तो है साथ में राजनीति का दबाव रचना और रचनाकार पर पडता है और इसका परिणाम चिंतनीय होता हैं. राजनीति में तनाव और टकराहट सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• हैं. यह राजनीति की पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है यहाॅं‘‘सहमति‘‘ का कोई अरà¥à¤¥ नहीं हैं. सहमति होती à¤à¥€ हैं. तो दिखावटी होती हैं इसलिठराजनीति न तो विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ होती है और न ही सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€. इस तनाव और टकराहट से राजनेता का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ निखरता हैं. राजनीति में उदारता की तो संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ ही नहीं हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ के लिठराजनीति में संघरà¥à¤· अनिवारà¥à¤¯ हैं. विचार किया जाना चाहिठकि राजनीति और लेखन के चरितà¥à¤° में कà¥à¤¯à¤¾ कोई तातà¥à¤µà¤¿à¤• अंतर है और यदि अंतर है तो हमें चिंतित होना चाहिठकि यह अंतर लगातार लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो रहा हैं.‘‘1नरेश मेहता तार सपà¥à¤¤à¤• के कवियों में से à¤à¤• हैं. अपने कावà¥à¤¯ मे राजनीति के उतार चढाव को इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया हैं।
How to cite this article:
डा0 विदà¥à¤¯à¤¾ शशिशेखर शिंदे. नरेश मेहता के कावà¥à¤¯ में राजनीतिक मूलà¥à¤¯. Int J Appl Res 2019;5(9):363-365.