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Vol. 6, Issue 1, Part A (2020)

औपनिवेशिक भारत में क्रांतिकारी आन्दोलनों में हिन्दी समाचार पत्रों की भूमिकाः विश्लेषणात्मक अध्ययन

औपनिवेशिक भारत में क्रांतिकारी आन्दोलनों में हिन्दी समाचार पत्रों की भूमिकाः विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author(s)
डाॅ0 मीनाक्षी कुमारी
Abstract
औपनिवेशिक भारत में क्रांतिकारी आन्दोलनों में हिन्दी समाचार पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिन्दी समाचार पत्रों ने ब्रिटिश शासन के शोषणकारी अनुदार आचरण एवं भारतीय जनमानस की असहनीय पीड़ा को अपने अग्रलेखों एवं सम्पादकीय टिप्पणियों के माध्यम से अभिव्यक्ति के स्वर देकर क्रांतिकारी आंदोलन को सम्बल प्रदान किया। हिन्दी समाचार पत्रों ने जहाॅं स्वयं के लिए उच्चतम मूल्यों की स्थापना की, वहीं आजादी के संघर्ष की चिंगारी को ज्वालामुखी के रूप में विस्फोटक स्वरूप देते हुए समूचे राष्ट्र को एक नई दिशा प्रदान किया। हिन्दी समाचार पत्रों एवं उनके संपादकों का स्वर राष्ट्रीय एवं स्वरूप सार्वदेशिक था। राष्ट्रीय समाचार पत्र अपनी मान-मर्यादा की चिन्ता किए बगैर अपने मिशन से कभी विचलित नहीं हुए। वास्तव में राष्ट्रवादी प्रेस ने ही समय-समय पर आन्दोलनों में शिथिलता के कारण जो शून्य की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी, उसको सशक्त दिशा देकर एक नई ऊर्जा और चेतना प्रदान की।
Pages: 54-56  |  1231 Views  531 Downloads


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How to cite this article:
डाॅ0 मीनाक्षी कुमारी. औपनिवेशिक भारत में क्रांतिकारी आन्दोलनों में हिन्दी समाचार पत्रों की भूमिकाः विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2020;6(1):54-56.
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