Vol. 6, Issue 10, Part D (2020)
कृषि à¤à¤µà¤‚ रेलवे के विकास में लोक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का आरà¥à¤¥à¤¿à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µ
कृषि à¤à¤µà¤‚ रेलवे के विकास में लोक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का आरà¥à¤¥à¤¿à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µ
Author(s)
डाॅ॰ राम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶
Abstract
à¤à¤¸à¤¾ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया जाता है कि इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ आज से लगà¤à¤— 6000 वरà¥à¤· पहले से होता रहा है। विशà¥à¤µ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ देश है जो सबसे पहले इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ का उपयोग किया। à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से पता चलता है कि सिकनà¥à¤¦à¤° महान के आकà¥à¤°à¤®à¤£ के समय फारस के बादशाह ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ से à¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ का आयात किया था। हमारे देश की चमकती हà¥à¤ˆ तलवारों ने à¤à¥‡à¤²à¤® नदी के किनारे सिकनà¥à¤¦à¤° की सेना से लोहा लिया था। विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ अशोक की लाट आज à¤à¥€ इनà¥à¤œà¥€à¤¨à¤¿à¤¯à¤°à¥‹à¤‚ के लिठकौतà¥à¤¹à¤² और आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ का विषय है। ये सब तथà¥à¤¯ उस समय के हैं जबकि आज पà¥à¤°à¤—तिशील कहे जाने वाले राषà¥à¤Ÿà¥à¤° असà¤à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की गिनती में गिने जाते थे। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठमें सब कठिनाईयों का सामना करते हà¥à¤ हमारे देश के महान उदà¥à¤¯à¤¾à¥‹à¤—पति शà¥à¤°à¥€ जमशेदजी टाटा ने सनॠ1907 में टाटा आयरन à¤à¤£à¥à¤¡ सà¥à¤Ÿà¥€à¤² कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। सनॠ1914-18 में हीरापà¥à¤° में इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ आयरन à¤à¤£à¥à¤¡ सà¥à¤Ÿà¥€à¤² कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ बनी। सनॠ1937 में बंगाल सà¥à¤Ÿà¥€à¤² कारपोरेशन की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ इसके अलावे बंगाल के आस-पास कà¥à¤› और छोटे उदà¥à¤¯à¥‹à¤— की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई।
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डाॅ॰ राम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶. कृषि à¤à¤µà¤‚ रेलवे के विकास में लोक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का आरà¥à¤¥à¤¿à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µ. Int J Appl Res 2020;6(10):197-199.