Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 6, Issue 10, Part D (2020)

कृषि एवं रेलवे के विकास में लोक क्षेत्र के इस्पात उद्योग का आर्थिक महत्त्व

कृषि एवं रेलवे के विकास में लोक क्षेत्र के इस्पात उद्योग का आर्थिक महत्त्व

Author(s)
डाॅ॰ राम प्रकाश
Abstract
ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस्पात का उत्पादन आज से लगभग 6000 वर्ष पहले से होता रहा है। विश्व का भारत ही एक ऐसा देश है जो सबसे पहले इस्पात का उपयोग किया। ऐतिहासिक अध्ययन से पता चलता है कि सिकन्दर महान के आक्रमण के समय फारस के बादशाह ने भारत से भालों का आयात किया था। हमारे देश की चमकती हुई तलवारों ने झेलम नदी के किनारे सिकन्दर की सेना से लोहा लिया था। विश्व प्रसिद्ध अशोक की लाट आज भी इन्जीनियरों के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है। ये सब तथ्य उस समय के हैं जबकि आज प्रगतिशील कहे जाने वाले राष्ट्र असभ्यों की गिनती में गिने जाते थे। प्रारंभ में सब कठिनाईयों का सामना करते हुए हमारे देश के महान उद्याोगपति श्री जमशेदजी टाटा ने सन् 1907 में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी की स्थापना की। सन् 1914-18 में हीरापुर में इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी बनी। सन् 1937 में बंगाल स्टील कारपोरेशन की स्थापना हुई। इसके अलावे बंगाल के आस-पास कुछ और छोटे उद्योग की स्थापना की गई।
Pages: 197-199  |  514 Views  86 Downloads
How to cite this article:
डाॅ॰ राम प्रकाश. कृषि एवं रेलवे के विकास में लोक क्षेत्र के इस्पात उद्योग का आर्थिक महत्त्व. Int J Appl Res 2020;6(10):197-199.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals