International Journal of Applied Research
Vol. 6, Issue 10, Part K (2020)
भारत निर्माण में श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक आयाम
Author(s)
विनोद कुमार मिश्र
Abstract
श्रमिक किसी भी राष्ट्र के महत्वपूर्ण मानव संसाधन हैं। कृषि, निर्माण कार्य, संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में ये अपनी भूमिका निभा रहे हैं। श्रमिक देश के विकास में अपना अहम् योगदान देता है। अतः भारत निर्माण में समाज की प्रगति, समृद्धि तथा खुशहाली में भारतीय श्रमिकों द्वारा किए जा रहे योगदान को नमन किया जाना चाहिए। भारत सरकार ने 16 दिसंबर 2005 को ‘भारत निर्माण योजना’ की शुरूआत की। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना है जिसमें बिजली, पानी, सड़क, सिंचाई, दूरसंचार और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास को शामिल किया गया है। भारत निर्माण योजना का लक्ष्य गांवों को बैसाखियां न देकर उन्हें अपने हीं पैरों पर मजबूती से खड़े होने लायक बनाना है। इस योजना से ग्रामीणों को गांवों में ही जरूरत की सुविधाएं मिलती हैं। ऐसा होने से शहरों की ओर पलायन में कमी आती है। अब इस योजना में सम्पूर्णता की बात की गई है ताकि गांवों का सम्पूर्ण विकास हो सके। यह योजना बेहद कारगर सिद्ध हो रही है। इसका सकारात्मक प्रभाव ग्रामीण श्रमिकों पर पड़ा है। अतः उनके जीवन स्तर में सुधार लाने से संबंधित कार्यक्रम को प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है।
How to cite this article:
विनोद कुमार मिश्र. भारत निर्माण में श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक आयाम. Int J Appl Res 2020;6(10):651-654.