Vol. 6, Issue 10, Part M (2020)
अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· के कावà¥à¤¯ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ कपिलवसà¥à¤¤à¥ का वैà¤à¤µ
अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· के कावà¥à¤¯ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ कपिलवसà¥à¤¤à¥ का वैà¤à¤µ
Author(s)
डॉणॠरचना सिंह
Abstract
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वाङà¥à¤®à¤¯ में अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· का नाम उन कवियों में समाहित है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ को पलà¥à¤²à¤µà¤¿à¤¤.पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¿à¤¤ होने के लिठअपने अकà¥à¤·à¤¯ कृतियों से सिंचित किया है। जिस à¤à¥‚मि पर कालिदास का साहितà¥à¤¯ लहलहा उठा उस à¤à¥‚मि को उरà¥à¤µà¤° बनाने में अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· की महती à¤à¥‚मिका है। अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· की रचनाओं के संदरà¥à¤ में काफी खोजबीन के बाद à¤à¥€ अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के संशय अà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं । यह तो असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो चà¥à¤•à¤¾ है कि सौनà¥à¤¦à¤°à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤‚ महाकावà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤šà¤°à¤¿à¤¤ महाकावà¥à¤¯ अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· की रचनाà¤à¤‚ ही हैं । इन कावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर à¤à¥€ विवाद की à¤à¤• लंबी परंपरा रही है लेकिन इन सà¤à¥€ को सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ अब à¤à¤•à¤®à¤¤ से इस तथà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° लेने में कोई संकोच नहीं है कि ये दोनों ही रचनाà¤à¤‚ अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· कृत हैं । इन रचनाओं पर अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· की धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ छाप लकà¥à¤·à¤¿à¤¤ है। कोई à¤à¥€ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° अपने साहितà¥à¤¯ में अपनी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ अवशà¥à¤¯ करता है । अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· ने बà¥à¤¦à¥à¤§ चरितà¥à¤° की रचना करते हà¥à¤ महातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ की उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ठउनके जीवन संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ठउनके संदेशों और उनकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का कारà¥à¤¯ किया । वही सौनà¥à¤¦à¤°à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤‚ में जीवन दरà¥à¤¶à¤¨ को और अधिक वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤¤à¤¾ से वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® से पहले की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को सामने रखकर बौदà¥à¤§ मत को ऊंचा दिखलाया गया है। सौनà¥à¤¦à¤°à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤‚ महाकावà¥à¤¯ में कवि ने इस तथà¥à¤¯ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया कि जो सांसारिकता और सांसारिक जीवन में लिपà¥à¤¤ होकर जीवन गà¥à¤œà¤¾à¤° रहे हैं उनके लिठमà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ संà¤à¤µ नहीं है मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤°à¥‚प ही मिल पाना संà¤à¤µ है । सौनà¥à¤¦à¤°à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤‚ और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤šà¤°à¤¿à¤¤ दोनों ही महाकावà¥à¤¯ à¤à¤—वान बà¥à¤¦à¥à¤§ को केंदà¥à¤° में रखकर रचे गये हैं । दोनों ही महाकावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में कथाà¤à¥‚मि कपिलवसà¥à¤¤à¥ रही हैठजहां à¤à¤—वान बà¥à¤¦à¥à¤§ का अवतरण हà¥à¤† । कपिलवसà¥à¤¤à¥ à¤à¤• समृदà¥à¤§ राजà¥à¤¯ था। उसके वैà¤à¤µ का वरà¥à¤£à¤¨ सौनà¥à¤¦à¤°à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤‚ में à¤à¤• अलग सरà¥à¤— की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ तलाश लेता है । वहां कपिलवसà¥à¤¤à¥ के वैà¤à¤µ का वरà¥à¤£à¤¨ करते हà¥à¤ उसके पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सौंदरà¥à¤ उसके à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤ उसके धन.धानà¥à¤¯ से पूरित होनाठवहां शिकà¥à¤·à¤¾ के महतà¥à¤µ को रेखांकित करने से लेकर वहां की राजनीतिठअरà¥à¤¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¿ आदि को à¤à¥€ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रà¥à¤ª में उजागर किया गया है। इस शोध आलेख में अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· के कावà¥à¤¯ में कपिलवसà¥à¤¤à¥ का जो वैà¤à¤µ दिखलाया गया है उसे रेखांकित करना है ।
How to cite this article:
डॉणॠरचना सिंह. अशà¥à¤µà¤˜à¥‹à¤· के कावà¥à¤¯ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ कपिलवसà¥à¤¤à¥ का वैà¤à¤µ . Int J Appl Res 2020;6(10):790-793.