Vol. 6, Issue 6, Part C (2020)
समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कथा-साहितà¥à¤¯ में परिसर-विमरà¥à¤¶
समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कथा-साहितà¥à¤¯ में परिसर-विमरà¥à¤¶
Author(s)
सà¥à¤§à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
समाजिक सरोकारों से लैस बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के बीच लंबे समय से यह लगातार चरà¥à¤šà¤¾ और चिंता का विषय रहा है कि ‘समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कथा-साहितà¥à¤¯ अनेक विमरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ सहित ‘परिसर-विमरà¥à¤¶’ से à¤à¥€ संबंधित है, जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हिनà¥à¤¦à¥€ कथा-साहितà¥à¤¯, जिसे कथा, कहानी, आलोचना, कविता इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ मानवीय संवेदनाओं की वाहक विधा के रूप में देखा जाता है वह दलित, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• तथा अनà¥à¤¯ हाशिठके विमरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ को किस रूप में चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है? साहितà¥à¤¯ अपने यरà¥à¤¥à¤¾à¤¥à¤µà¤¾à¤¦à¥€ होने के दावे के बावजूद इन मूल अवधारणाओं को रेखांकित कर उस पर आम जन के बीच किसी किसà¥à¤® की संवेदना को विकसित कर पाने में सफल हो पाया है?
How to cite this article:
सà¥à¤§à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कथा-साहितà¥à¤¯ में परिसर-विमरà¥à¤¶. Int J Appl Res 2020;6(6):173-174.