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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 6, Issue 8, Part C (2020)

जयपुर भितिचित्रों के अलंकरण में क्षैत्रिय प्रभाव

जयपुर भितिचित्रों के अलंकरण में क्षैत्रिय प्रभाव

Author(s)
डॉ. अरविन्द मैन्दोला
Abstract
भारतीय कला में अतीत से वर्तमान तमक विभिन्न शैलियों का विकास होता है। किसी भी शैली में विकास में दूसरी शैली का भी सहयोग रहता है। भारतीय चित्र परम्परा में प्रत्येक शैली का अस्तित्व एक दूसरे पर आधारित है जैसे मुगल कला ने भारतीय शैली से कुछ तत्व ग्रहण किये तथा कुछ तत्व प्रदान भी किये। जयपुर भित्ति चित्रों में अलंकरणों पर भी बाहरी तत्वों का प्रभाव देखने को मिलता हैं। प्रारम्भिका अलंकरण जैन या अपभ्र्रंष शैली से प्रभावित रहे जिससे अलंकरणों में सरलीकृत आकार, सपाट रंग, एवं कठोर रेखाये देखने को मिलती है। 17 एवं 18 शताब्दी में गुगल प्र्रभाव के कारण अर्द्ध वृताकार वृर्त में संयोजन मिलता हैं। मुगल काल के प्रभाव से बारीक रेखाकंन, पषु-पक्षी चित्रण, हाषियों में अलंकरण दिखाई देता है।
Pages: 215-217  |  106 Views  41 Downloads
How to cite this article:
डॉ. अरविन्द मैन्दोला. जयपुर भितिचित्रों के अलंकरण में क्षैत्रिय प्रभाव. Int J Appl Res 2020;6(8):215-217.
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