Vol. 7, Issue 1, Part B (2021)
बी० à¤à¤¡à¥¦ à¤à¤µà¤‚ बी० पी० à¤à¤¡à¥¦ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के शैकà¥à¤·à¤¿à¤• व सामाजिक समायोजन का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
बी० à¤à¤¡à¥¦ à¤à¤µà¤‚ बी० पी० à¤à¤¡à¥¦ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के शैकà¥à¤·à¤¿à¤• व सामाजिक समायोजन का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
कà¥à¤à¤µà¤° कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª चैहान, डाॅ. हरिशंकर सिंह
Abstract
अनà¥à¤•à¥‚लन की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ ही जीवों को विशेष परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में जीवित रखती है। परिवेश के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ गà¥à¤£ विकसित हो जातें हैं, जिनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वह उस परिवेश में आसानी से समायोजित हो जाता है। समायोजन à¤à¤• सूकà¥à¤·à¥à¤® अवधारणा न होकर, à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• अवधारणा है, जिनमें à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विेशेषताओं के साथ-साथ आंतरिक विशेषताà¤à¤‚ à¤à¥€ अंतरà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¤¿à¤¤ होतीं हैं, जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रहने, दूसरों से अंतकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ आदि को बेहद सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¤à¤¾ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती है। समायोजन जीवन परà¥à¤¯à¤‚त चलने वाली à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ है, जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को वातावरण की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ और उनके साथ तालमेल सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में मदद करती है। à¤à¤• सामाजिक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ के रूप में हम समाज में रहतें हैं और समाज के दूसरे सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अपनी पहचान बनाने और समाज के मानकों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करने की कोशिस करतें हैं, जिससे हम दूसरों के साथ समायोजन करने मंे सकà¥à¤·à¤® हो सकें। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ किसी न किसी समाज का नागरिक या सदसà¥à¤¯ होता है और उसके विकास से उस समाज का विकास होता है, अतः पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• समाज अपने नागरिकों के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जीवन के बहà¥à¤®à¥à¤–ी विकास की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से करता है। अतः परिवार, समाज, विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को à¤à¤• नया आयाम पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठयह अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अपना महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान दे सकता है।
How to cite this article:
कà¥à¤à¤µà¤° कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª चैहान, डाॅ. हरिशंकर सिंह. बी० à¤à¤¡à¥¦ à¤à¤µà¤‚ बी० पी० à¤à¤¡à¥¦ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के शैकà¥à¤·à¤¿à¤• व सामाजिक समायोजन का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2021;7(1):121-124.