Vol. 7, Issue 1, Part F (2021)
दलित विमरà¥à¤¶ का पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग: ‘हरिजनगाथा’
दलित विमरà¥à¤¶ का पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग: ‘हरिजनगाथा’
Author(s)
डॉ॰ सोनी
Abstract
नागारà¥à¤œà¥à¤¨ अपने कावà¥à¤¯ में पीà¥à¥€-दर पीà¥à¥€ और सामाजिक अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° सहन करने के लिठबाधà¥à¤¯ दलित वरà¥à¤— के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• व सामाजिक उनà¥à¤¨à¤¯à¤¨ के लिठआवाज उठाते हैं इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दलित à¤à¤µà¤‚ आदिवासियों पर सारà¥à¤¥à¤• कविताà¤à¤ लिखी हैं, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° और आंधà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के आदिवासी-जनजातियों के जीवन संघरà¥à¤·à¤¾à¥‡à¤‚ को गहराई के साथ चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया है। ‘हरिजन-गाथा’ शीरà¥à¤·à¤• लंबी कविता इनकी कावà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ तथा जनता की पकà¥à¤·à¤§à¤° चेतना का ही विकास है। हरिजनों पर होने वाले दारूण अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से ही नहीं सामाजिक विकास के अगले चरण की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ यह कविता महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है।
How to cite this article:
डॉ॰ सोनी. दलित विमरà¥à¤¶ का पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग: ‘हरिजनगाथा’. Int J Appl Res 2021;7(1):454-456.