Vol. 7, Issue 10, Part A (2021)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में दलित महिलाओं की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का à¤à¤• समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में दलित महिलाओं की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का à¤à¤• समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
राहà¥à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° यादव
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दलित महिलाà¤à¤‚ सदियों से मौन की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जी रही हैं। वे अपने शोषण, उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ और अपने विरूदà¥à¤§ बरà¥à¤¬à¤°à¤¤à¤¾ की मूकदरà¥à¤¶à¤• बनी रही। उनका अपने शरीर, कमाई और जीवन पर कोई अधिकार व नियं़तà¥à¤°à¤£ नहीं है। उनके विरूदà¥à¤§ हिंसा, शोषण और उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ की चरम अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤–, कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£, बीमारी, शारीरिक और मानसिक यातना बलातà¥à¤•à¤¾à¤° के रूप में दिखाई देती है, अशिकà¥à¤·à¤¾, असà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¤à¤¾ बेरोजगारी, असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ और अमानवीय वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° तथा सामंतवाद जातिवाद और पितृसŸà¤¾à¤¾ की सामूहिक ताकतों ने उनके जीवन को बदॠसे बदà¥à¤¤à¤° बना दिया हैं। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• और उŸà¤¾à¤°-आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ तथा वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ के यà¥à¤— में à¤à¥€ आज उनके विरूदà¥à¤§ हिंसा असमानता जैसी घटनाà¤à¤‚ॠलगातार हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में देखने को मिल रही है। ये लेख दलित महिलाओं की सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, राजनीतिक, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में उनकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर आधारित है।
How to cite this article:
राहà¥à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° यादव. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में दलित महिलाओं की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का à¤à¤• समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2021;7(10):25-29.