Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

TCR (Google Scholar): 4.11, TCR (Crossref): 13, g-index: 90

Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 11, Part E (2021)

शिवमूर्ति के कथा साहित्‍य में पारिवारिक जीवन की अभिव्‍यक्ति

शिवमूर्ति के कथा साहित्‍य में पारिवारिक जीवन की अभिव्‍यक्ति

Author(s)
ममता कुमारी
Abstract
समकालीन कथाकारों में शिवमूर्ति एक ऐसे कथाकार हैं, जिसने उत्तर भारत के जन जीवन की समग्रता को अपनी कहानियों तथा उपन्‍यासों में समेटता है। व्‍यक्तित्‍व से लेकर परिवार और समाज उनकी रचनाओं में अपने यथार्थ रूप में अभिव्‍यक्ति हुआ है। उन्‍होंने रचनाओं के केन्‍द्र में किसी न किसी परिवार को अनिवार्य रूप से रखा है। उनकी कहानी, ‘कसाईबाड़ा’, ‘तिरिया चरितर’, ‘खब्‍जा, ओ मेरे पीर, ‘केशर-कस्‍तूरी’, ‘कुच्‍ची का कानून’ तथा उपन्‍यास ‘त्रिशूल’, और ‘आखिरी छलांग’ में उनकी पारिवारिक चेतना दृष्टिगत होती है। उनके पात्र लाख विपत्तियों के बाद भी अपने परिवार को नहीं छोड़ता है। निजी स्‍वार्थ से ऊपर उठकर ये पात्र एक वफादार पारिवारिक सदस्‍य का उदाहरण बनता है। शिवमूर्ति के कथा-साहित्‍य में अभिव्‍यक्‍त परिवार निश्‍चय ही अनुकरणी है।
Pages: 354-360  |  1260 Views  860 Downloads


International Journal of Applied Research
How to cite this article:
ममता कुमारी. शिवमूर्ति के कथा साहित्‍य में पारिवारिक जीवन की अभिव्‍यक्ति. Int J Appl Res 2021;7(11):354-360.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals