Vol. 7, Issue 2, Part B (2021)
नरेश मेहता के प्रबन्ध काव्य में समाज चेतना का अध्ययन
नरेश मेहता के प्रबन्ध काव्य में समाज चेतना का अध्ययन
Author(s)
युगेश त्रिपाठी
Abstract
नरेश मेहता के प्रबन्ध काव्य में समाज चेतना की उपलब्धियों को मूल्यांकित कर तार्किक समर्थन के साथ उद्घाटित करना सहज कार्य नहीं है। क्योंकि समाज चेतना निरन्तर गत्यात्मक हुआ करती है। किसी अन्तिम पड़ाव तक चेतना स्थिर नहीं होती। ’’किसी युग की रचनाओं में किसी को क्या मिलता है यह बहुत कुछ बदलते परिवेश के साथ रचनाकार के चिन्तनधारा पर केन्द्रित होता है। जब एक शोधार्थी की हैसियत से कोई अन्वेषी रचना और रचनाकार से तादात्म्य करता है तभी समग्र व्यवस्था की गहरी पहचान कर पाता है। समाज चेतना के हर प्रयास का केन्द्र बिन्दु मानवीय भावना ही है।
How to cite this article:
युगेश त्रिपाठी. नरेश मेहता के प्रबन्ध काव्य में समाज चेतना का अध्ययन. Int J Appl Res 2021;7(2):89-93.