Vol. 7, Issue 3, Part C (2021)
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की उनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¾ नासिरा शरà¥à¤®à¤¾
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की उनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¾ नासिरा शरà¥à¤®à¤¾
Author(s)
राहà¥à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के उनà¥à¤¨à¤¯à¤¨ और आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ हमेशा सामाज में उठता रहा है। सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और बराबरी का दरà¥à¤œà¤¾ दिलाने के लिठ‘नासिरा शरà¥à¤®à¤¾‘ अपने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में और कहानियों में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ दिखती हैं, नारी का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤• सà¤à¥à¤¯ समाज का, निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करता है। समाज कितना सà¤à¥à¤¯ और सà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ है, इसका पता नारी की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को देखकर चलता है। सामाज में अधिकांश वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नारी का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और उनके गरिमा का खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखते हैं। लेकिन कà¥à¤› विकृत मानसिकता के लोग à¤à¥€ समाज में है, जो सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को घर की नौकरानी की तरह देखते हैं। अधिकांश à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¥€ है जो सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‚ष के बराबर दरà¥à¤œà¤¾ देने के पकà¥à¤·à¤§à¤° नहीं हैं। इनà¥à¤¹à¥€ बातों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर ‘नासिरा जी‘ नारी मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ और नारी आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ को अपने लेखन में अधिक महतà¥à¤µ देती हैं।
How to cite this article:
राहà¥à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤°. सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की उनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¾ नासिरा शरà¥à¤®à¤¾. Int J Appl Res 2021;7(3):143-144.