Vol. 7, Issue 4, Part F (2021)
शेष यातà¥à¤°à¤¾ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की कशमकश
शेष यातà¥à¤°à¤¾ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की कशमकश
Author(s)
गà¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ कौर
Abstract
असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦ पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ जगत की देन है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¨ है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को महतà¥à¤µ देता है। असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ विचारकों की दो विचारधाराà¤à¤‚ सामने आती हैं। à¤à¤• विचारधारा आसà¥à¤¤à¤¿à¤• असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की है। ये ईशà¥à¤µà¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• अपनी आतà¥à¤®à¤¾ के à¤à¥€à¤¤à¤° ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ सतà¥à¤¤à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ करते हैं à¤à¤µà¤‚ ईशà¥à¤µà¤° को मनà¥à¤·à¥à¤¯ पर हावी à¤à¥€ नहीं होने देते। कीरà¥à¤•à¥‡à¤—ारà¥à¤¦, जैसà¥à¤ªà¤°à¥à¤¸ और मारà¥à¤¶à¤² आसà¥à¤¤à¤¿à¤• असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हैं। नासà¥à¤¤à¤¿à¤• असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ में जà¥à¤¯à¤¾à¤ पाल सातà¥à¤°à¥à¤°, फà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤°à¤¿à¤• नीतà¥à¤¶à¥‡ और मारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨ हीडेगर पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप से ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ न रखने वाले दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• हैं। नीतà¥à¤¶à¥‡ तो ईशà¥à¤µà¤° के मरने की घोषणा करते हैं। हीडेगर ने तो यह तक कह दिया कि ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ इस संसार में फेंक दिया गया है। अब उसको सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ करना है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी अलग पहचान à¤à¤µà¤‚ अपना असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ चाहता है। समाज में रहते हà¥à¤ वह अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को निखारना चाहता है लेकिन कई बार परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¸à¥€ हो जाती हैं कि वह अपनी अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठउचित वातावरण नहीं पाता। तब अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ हेतॠवह हरसंà¤à¤µ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने शà¥à¤°à¥‚ कर देता है। निरनà¥à¤¤à¤° संघरà¥à¤·à¤°à¤¤ रहकर वह हालातों को अनà¥à¤•à¥‚ल करने की कोशिश करता है à¤à¤µà¤‚ उचित वातावरण न मिलने पर à¤à¥€ अपने निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ कर लेता है। असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का मानना है कि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ का निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ है। उसको किसी दूसरे पर आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ रहने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं है। उषा पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚वदा ने मानवीय संवेदनाओं को सामने लाने का à¤à¤°à¤¸à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। उषा पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚वदा के शेष यातà¥à¤°à¤¾ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में मानव के संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤² जीवन, संतà¥à¤°à¤¾à¤¸, कà¥à¤‚ठा, अनासà¥à¤¥à¤¾ आदि की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल में मानव सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¤°à¤•à¤¤à¤¾ के कारण ही अजनबीपन का शिकार हो गया है। अकेलापन, ऊब, संतà¥à¤°à¤¾à¤¸, कà¥à¤‚ठा, अनासà¥à¤¥à¤¾, सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾, अजनबीपन आदि असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦ की सà¤à¥€ विशेषताà¤à¤ शेष यातà¥à¤°à¤¾ में देखने को मिलती हैं।
How to cite this article:
गà¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ कौर. शेष यातà¥à¤°à¤¾ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की कशमकश. Int J Appl Res 2021;7(4):373-376.