Vol. 7, Issue 4, Part F (2021)
दरà¤à¤‚गा में मखाना उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ उसके वरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ अरà¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤¬à¤‚धन
दरà¤à¤‚गा में मखाना उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ उसके वरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ अरà¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤¬à¤‚धन
Author(s)
पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ मिशà¥à¤°
Abstractमखाना के जरà¥à¤®à¤ªà¥à¤²à¤¾à¤œà¥à¤® के संगà¥à¤°à¤¹à¤£ à¤à¤µà¤‚ मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन, पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ विकास, फसल पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ मॉडल के विकास और कृषि-तकनीकाें, फसल कटाई उपरांत पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन, पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£, विविधिकरण तथा मूलà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ आदि से संबंधित होने वाले अनà¥à¤¸à¤‚धान के लिठपूरà¥à¤µà¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषदॠका अनà¥à¤¸à¤‚धान परिसर का मखाना अनà¥à¤¸à¤‚धान केनà¥à¤¦à¥à¤°, दरà¤à¤‚गा कटिबदà¥à¤§ है। मखाना (यूरिà¤à¤² फेरेकà¥à¤¸ सेलिसà¥à¤¬) à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जलीय पौधा है। मखाना की खेती दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, सà¥à¤¥à¤¿à¤° जल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जैसे तालाब, निचली à¤à¥‚मि, गोखà¥à¤° à¤à¥€à¤², कीचड़ और गडà¥à¤¢à¥‡ आदि का सही उपयोग किया जा सकता है। मछली और सिंघाड़ा के साथ मखाना की à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ खेती पूरà¥à¤µà¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लिठवà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥à¤¯ कृषि पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पायी गयी है।
कृषि पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प में मखाना की खेती à¤à¤• आदरà¥à¤¶ उदाहरण है जो किसानों को उथले जल में मखाना की खेती से अधिकाधिक लाठपाने का अवसर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। मखाना उपजाने वाले खेतों में सिंघाड़ा, धान, गेहूà¤, बरसीम और अनà¥à¤¯ फसलों को सफलतापूरà¥à¤µà¤• उगाया जा रहा है। यह किसान परिवारों को रोजगार देने के साथ-साथ खादà¥à¤¯-सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। खेतों में की जाने वाली मखाना की खेती, तालाबों में की जाने वाली खेती की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में पारितांतà¥à¤°à¤¿à¤• और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से अधिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• होता है। अà¤à¥€ तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बिहार ही à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ राजà¥à¤¯ है जो मखाना का वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रूप में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है।
How to cite this article:
पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ मिशà¥à¤°. दरà¤à¤‚गा में मखाना उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ उसके वरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ अरà¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤¬à¤‚धन. Int J Appl Res 2021;7(4):441-446.