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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 6, Part F (2021)

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों के सामाजिक व्‍यवस्‍था में सामाजिक परिवर्त्तन का तुलनात्‍मक अध्‍ययन

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों के सामाजिक व्‍यवस्‍था में सामाजिक परिवर्त्तन का तुलनात्‍मक अध्‍ययन

Author(s)
अर्चना राय
Abstract
‘सामाजिक परिवर्तन’ एक सामान्य अवधारणा है जिसका प्रयोग किसी भी परिवर्तन के लिए किया जा सकता है, जो अन्य अवधारणा द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है, जैसे आर्थिक अथवा राजनैतिक परिवर्तन। समाजशास्त्रियों को इसके व्यापक अर्थ को विशिष्ट बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ा। ताकि यह सामाजिक सिद्धांत के लिए महत्त्वपूर्ण हो सके। अपने बुनियादी स्तर पर, सामाजिक परिवर्तन इंगित करता है, उन परिवर्तनों को जो महत्त्वपूर्ण हैं– अर्थात, परिवर्तन जो किसी वस्तु अथवा परिस्थिति की मूलाधार संरचना को समयावधि में बदल दें। अतः सामाजिक परिवर्तन कुछ अथवा सभी परिवर्तनों को सम्मिलित नहीं करते, मात्रा बड़े परिवर्तन जो, वस्तुओं को बुनियादी तौर पर बदल देते हैं। परिवर्तन का ‘बड़ा’ होना मात्र इस बात से नहीं मापा जाता कि वह कितना परिवर्तन लाता है, बल्कि परिवर्तन के पैमाने से, अर्थात समाज के कितने बड़े भाग को उसने प्रभावित किया है। दूसरे शब्दों में, परिवर्तन दोनों, सीमित तथा विस्तृत तथा समाज वह एक बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाला होना चाहिए ताकि वह सामाजिक परिवर्तन वह योग्य हो सके।
Pages: 421-424  |  1652 Views  970 Downloads


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How to cite this article:
अर्चना राय. भारत के ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों के सामाजिक व्‍यवस्‍था में सामाजिक परिवर्त्तन का तुलनात्‍मक अध्‍ययन. Int J Appl Res 2021;7(6):421-424.
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