Vol. 8, Issue 1, Part D (2022)
वीणा ठाकà¥à¤°à¤• मैथिलीमे साधना
वीणा ठाकà¥à¤°à¤• मैथिलीमे साधना
Author(s)
विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤° मंडल
Abstract
मैथिली साहितà¥à¤¯à¤®à¥‡ विकासोनà¥à¤®à¥à¤– à¤à¤ समृदà¥à¤§ होइत रहल अछि। साहितà¥à¤¯à¤• अविकसित सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤®à¥‡ à¤à¤•à¤° विकास लेल अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिखल जाइत छैक। अनà¥à¤µà¤¾à¤¦-कारà¥à¤¯ बेसी ठाम मौलिक सृजनसठकठिन रहैछ। अरà¥à¤¥-à¤à¤¾à¤µ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करैत रूपातरणमे कठिनता रहैत अछि। असंà¤à¤µ अछि अविकल अनà¥à¤µà¤¾à¤¦, मौलिक गà¥à¤°à¤‚थसठकिà¥à¤›-ने-किछॠà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤•à¥‡à¥¤ मूल गà¥à¤°à¤‚थक जे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पाठक पर पड़ैछ से रस, धà¥à¤µà¤¨à¤¿ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤®à¥‡ नहि à¤à¥‡à¤Ÿà¥ˆà¤¤ अछि।
How to cite this article:
विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤° मंडल. वीणा ठाकà¥à¤°à¤• मैथिलीमे साधना. Int J Appl Res 2022;8(1):221-222.