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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 8, Issue 1, Part F (2022)

बड़े भाई साहब: बड़प्पन की कृत्रिमता से मुक्ति

बड़े भाई साहब: बड़प्पन की कृत्रिमता से मुक्ति

Author(s)
डॉ. नवाब सिंह
Abstract
प्रेमचंद आधुनिक भारतीय साहित्य के सर्वश्रेष्ठ कथाकार हैं | पूरे विश्व और भारत में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले वे हिन्दी के एकमात्र कथाकार हैं | उनका कथा संसार मानवीय अनुभवों की विविधता से भरा हुआ जीवन के ठोस यथार्थ से सम्पन्न है | इस मानवीय अनुभव को प्रेमचंद ने ठोस ऐतिहासिक-सामाजिक संदर्भों और वैचारिक संघर्षों से अर्जित किया था | प्रेमचंद की सम्पूर्ण चिंता और चिंतन के केंद्र में सामान्य मनुष्य है | इस सामान्य मनुष्य को समस्त रूढ़ियों और शोषणों के बंधनों से मुक्त करना ही उनके साहित्य का उद्देश्य है |
Pages: 438-445  |  189 Views  53 Downloads
How to cite this article:
डॉ. नवाब सिंह. बड़े भाई साहब: बड़प्पन की कृत्रिमता से मुक्ति. Int J Appl Res 2022;8(1):438-445.
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