Vol. 8, Issue 10, Part C (2022)
शहडोल संà¤à¤¾à¤— में पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विकास की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤: à¤à¤• à¤à¥Œà¤—ोलिक विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£
शहडोल संà¤à¤¾à¤— में पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विकास की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤: à¤à¤• à¤à¥Œà¤—ोलिक विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£
Author(s)
डॉ. बी. पी. सिंह, सविता पटेल
Abstractवरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ को महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में से à¤à¤• माना जाता है, जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के विकास को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करता है। परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ à¤à¤• विपणन योगà¥à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है, जो बाहर से कचà¥à¤šà¥‡ माल पर निरà¥à¤à¤° नहीं करता है। यह पेपर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ और संसाधन विकास के लिठसमसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं और रणनीतियों का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करता है, जो परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के विकास में काफी संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ रखता है। आतिथà¥à¤¯, जिस आधार पर मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ का à¤à¤µà¤¨ बना है, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के लिठसà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ है, जो अपने यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤–द आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤, जंगल और रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯à¥‹à¤‚, पहाड़ियों और मैदानों, और à¤à¥€à¤²à¥‹à¤‚, आदिवासी à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ इलाकों आदि के साथ रंगीन अनà¥à¤à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। खराब बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचा, अपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ विपणन और संसाधनों का अकà¥à¤·à¤® पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करता है कि परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रहें, तो आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात नहीं है, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ देश के कà¥à¤² परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• यातायात में 2ः से थोड़ा अधिक योगदान देता है, जबकि पड़ोसी राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का हिसà¥à¤¸à¤¾ 4ः से अधिक है। इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अधिकांश परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ नियोजन तदरà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है। इसलिà¤, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की दिशाओं को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से चारà¥à¤Ÿ करते हà¥à¤ दूर जाना और निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कारà¥à¤¯ योजना तैयार करना आवशà¥à¤¯à¤• है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि राजà¥à¤¯ तीन यूनेसà¥à¤•à¥‹ विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚, नौ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और 25 वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ-साथ कई अनà¥à¤¯ विविध परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ आकरà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ है। अविशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अपना टैग। पेपर उन कारकों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ की परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤² के रूप में लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ को जनà¥à¤® दिया है। केस सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ इस बात का à¤à¥€ गहन विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करना है कि कैसे विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ ने राजà¥à¤¯ में बà¥à¤°à¤¾à¤‚ड छवि के साथ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के विकास में मदद की है।
How to cite this article:
डॉ. बी. पी. सिंह, सविता पटेल. शहडोल संà¤à¤¾à¤— में पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विकास की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤: à¤à¤• à¤à¥Œà¤—ोलिक विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£. Int J Appl Res 2022;8(10):161-163.