Vol. 8, Issue 6, Part H (2022)
भारत में पश्चिमी शिक्षा और उसका प्रभाव
भारत में पश्चिमी शिक्षा और उसका प्रभाव
Author(s)
राम नरेश महतो
Abstractशिक्षा के महत्ता से सभी परिचित है। अलस में शिक्षा मनुष्य को पशुक्त जीवन से ऊपर उठानेवाली प्रक्रिया है। जिस तरह से पशुओं को सही या गलत का ज्ञान नहीं होता है उसी तरह की स्थिति अशिक्षित मनुष्यों की होती हैं। वे भी पशुतुल्य ही होते हैं बिना शिक्षा के पर ज्योहीं उन्हें ज्ञान का प्रकाश होता है। त्योंही उनके मस्तिष्क चक्षु खुल जाते हैं। शिक्षा मनुष्य के अंदर अच्छो विचारों को अंकुरित करती है और बुरे विचारों के प्रति विरक्ति पैदा करती हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि शिक्षा का मूल अर्थ यही है कि वह व्यक्ति का उचित मार्गदर्शन कर उसे बेहतर तरीके से जीवन व्यतीत करे योग्य बनता है। शिक्षित मनुष्य के भीतर समाज में प्रतिष्ठित कार्य करने की प्रेरणा उत्पन्न होती हैं और मनुष्यता-भाव उदित होता है।
How to cite this article:
राम नरेश महतो. भारत में पश्चिमी शिक्षा और उसका प्रभाव. Int J Appl Res 2022;8(6):616-618.