Vol. 8, Issue 6, Part H (2022)
हिंदी à¤à¤µà¤‚ जापानी की आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤
हिंदी à¤à¤µà¤‚ जापानी की आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤
Author(s)
Sanmati Jain
Abstract
à¤à¤• ही अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को संपà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करने के लिठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं अथवा माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जा सकता है । जिनमें से à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ वैचारिक अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤• अहम माधà¥à¤¯à¤® है । यहाठपर यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में उस à¤à¤¾à¤·à¤¾ के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ªà¤¦à¥‹à¤‚ का सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µ होता है या यूं कहें कि बिना कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ªà¤¦ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को समठपाना अतà¥à¤¯à¤‚त कठिन होता है । अत: कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤• अनिवारà¥à¤¯ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है । लगà¤à¤— सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में सामानà¥à¤¯à¤¤: कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ªà¤¦à¥‹à¤‚ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° अधिक विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ गूॠहोता है । जिससे इस विषय में शोध की अनेकों संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ सहज ही निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होती रहती हैं । अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से पता चलता है कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ªà¤¦à¥‹à¤‚ से संबंधित जितने à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾.वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• शोध जारी हैं उनमें उन कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के बारे में और à¤à¥€ अधिक गूॠरहसà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होते जा रहे हैं । à¤à¥‚त पर दृषà¥à¤Ÿ डालें तो पाते हैं कि विशà¥à¤µ की लगà¤à¤— सà¤à¥€ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£à¤¿à¤• कोटियों पर अनेकों शोध हो चà¥à¤•à¥‡ हैं और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जारी à¤à¥€ हैं । अत: इसी शोध.दृषà¥à¤Ÿà¤¿ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध.पतà¥à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से हिंदी à¤à¤µà¤‚ जापानी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होने वाली विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है । जिनमें पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤¤: हिंदी की आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के बारे में चरà¥à¤šà¤¾ की गई हैठतदोपरांत जापानी की आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के बारे लिखा गया है । हालाà¤à¤•à¤¿, जापानी में पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के विसà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ अनà¥à¤¯ रूप à¤à¥€ हैं, परंतà¥, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अधिक विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¿à¤•à¤°à¤£ के à¤à¤¯ से यहाठपर समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ नहीं किया गया है । अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° किसी आलेख में उनके बारे में विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ की जायेगी ।
How to cite this article:
Sanmati Jain. हिंदी à¤à¤µà¤‚ जापानी की आधारà¤à¥‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤. Int J Appl Res 2022;8(6):567-570.