Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 8, Issue 7, Part B (2022)

प्रेमचंद और पत्रकारिता : समसामयिक समीक्षा

प्रेमचंद और पत्रकारिता : समसामयिक समीक्षा

Author(s)
मारुति शुक्ला
Abstract
इस बात से बिल्कुल भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि आज का यह समय एक ऐसा समय है जबकि हमारे आदर्श, परंपराएँ सभी कुछ धीरे-धीरे समाप्ति की ओर जा रहे हैं। यह रोग समाज रूपी शरीर में बुरी तरह से व्याप्त हो चुका है तो फिर पत्रकारिता इस रोग की चपेट में आने से अछूती कैसे रह सकती है। पत्रकारिता भी आज अपने उच्च आदर्शों और मूल्यों से विरत होती जा रही है। यहाँ पत्रकारिता का संबंध मुख्य रूप से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से है। सामाजिक माध्यम जिन्हंे हम सोशल मीडिया के नाम से जानते हैं, को इस सीमा से दूर रखा जाना चाहिये। जहाँ एक और टी0वी0 पत्रकारिता गोदी मीडिया के रूप में कुख्यात हो रही है वहीं समाचार-पत्रों का माध्यम भी उपरलिखित परिपाटी का ही अनुसरण करता हुआ विभिन्न खेमों में खड़ा दिखाई दे रहा है। इतना मात्र ही नहीं बाजार का दबाव भी जनता के प्रति पत्रकारिता के उत्तरदायित्व पर प्रहार करता हुआ उसे भोथरा करता जा रहा है। निश्चित रूप से आज हमारे वे आदर्श और मूल्य जो औपनिवेशिक शासन काल अथवा हमारी पराधीनता के समय में भारतीय मनीषियों ने पत्रकारिता के संदर्भ में इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी सृजित और अर्जित किये थे, स्वप्न मात्र लगते हैं। वे आदर्श और मूल्य जो पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं। प्रेमचंद जागरण पत्र निकालने के एक साल के बाद बालक का रूपक गढ़ते हैं। एक साल का जागरण भी था और हमारी शुरूआती बालक रूपी पत्रकारिता का रूपक भी था। वर्तमान दौर में, शैशव कालीन पत्रकारिता का वह स्वरूप जो आज भी हमारे लिए श्रेष्ठ और अनुकरणीय है। प्रेमचंद और उनकी पत्रकारिता का इस शोधपत्र में विचार किया गया है।
Pages: 120-123  |  147 Views  8 Downloads
How to cite this article:
मारुति शुक्ला. प्रेमचंद और पत्रकारिता : समसामयिक समीक्षा. Int J Appl Res 2022;8(7):120-123.
Related Journals
Related Journal Subscription
Important Publications Links
International Journal of Applied Research

International Journal of Applied Research

Call for book chapter
International Journal of Applied Research